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नागपंचमी : इस मंदिर में दिन में एक बार आता है नाग-नागिन का जोड़ा, अंग्रेजों ने भी पीछे कर लिए थे कदम राज्य शासन के निर्देश पर एक तरफ जहां ई-नगर पालिका पोर्टल पर ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस बनाने की तैयारी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ निगमायुक्त आशीष सिंह ने 10 मई 2019 को एक आदेश जारी किया। इसमें दुकान, प्रायवेट ऑफिस, शॉपिंग कॉम्पलेक्स की शॉप, शॉपिंग माल और अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के नए लाइसेंस और नवीनीकरण को लेकर भवन अनुज्ञा और भू-उपयोग के लिए नियत प्रावधानों का पालन आवेदक को करने की बात कही गई। आवेदक द्वारा नियत प्रावधानों का उपयोग किया गया है यानी इसकी जांच करने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय बिल्डिंग इंस्पेक्टर (बीआई) को दी गई। बीआई की स्थल रिपोर्ट और टिप नियत प्रावधान के हिसाब से आने पर ही नए लाइसेंस बनाने और नवीनीकरण का काम करने का आदेश आयुक्त सिंह ने दिया।
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बल्ला चलाने वाले विधायक आकाश विजयवर्गीय ने संगठन से माफी मांगी बीआई की रिपोर्ट और टिप नियमानुकूल नहीं होने पर न तो नया लाइसेंस बनाने का कहा गया और न ही नवीनीकरण करने का। निगम के इस नए आदेश की वजह से उन लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है, जिन्होंने निगम से नक्शा रेसीडेंशियल यानी आवासीय पास करवाया और बनाते समय दुकान या फिर ऑफिस निकाल लिए। इनमें व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित कर रहे हैं। अब ऐसे लोगों के ट्रेड लाइसेंस नहीं बनने के साथ नवीनीकरण पर भी विराम लग गया। जो भवन कमर्शियल होने के साथ आवासीय कम कमर्शियल हैं उनमें ही ट्रेड लाइसेंस बनाए जाने लगे। इसके लिए भी बीआई की भवन अनुज्ञा यानी नक्शा और भू-उपयोग की रिपोर्ट मांगी गई, क्योंकि कई लोग रेसीडेंशियल का नक्शा पास कराकर कमर्शियल निर्माण कर लेते हैं।
इस नए आदेश से जहां निगम की इनकम घट गई, वहीं लाइसेंस बनने का ग्राफ भी गिर गया। नए आदेश निकलने के बाद पिछले 3 माह में एक भी लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होने की वजह से निगम को आर्थिक नुकसान अलग होने लगा। हर वर्ष लाइसेंस नवीनीकरण के जरिए निगम खजाने में 3 करोड़ रुपए जमा होते हैं, लेकिन नया आदेश निकलने के बाद से पिछले 3 माह में न तो एक भी लाइसेंस रिन्यूअल हुआ और न ही एक रूपया खजाने में जमा हुआ। लाइसेंस रिन्यूअल नहीं होने की वजह से 3 करोड़ रुपए का नुकसान होते देख आयुक्त सिंह ने अपने आदेश में बदलाव किया है।
अब गत वित्तीय वर्ष के आधार यानी पुराने तरीके से ही लाइसेंस नवीनीकरण होंगे। इसके चलते अब बीआई की भवन अनुज्ञा यानी नक्शा और भू-उपयोग की रिपोर्ट नहीं लगेगी। इससे व्यापारियों सहित अन्य लोगों को राहत होगी और निगम की इनकम भी बढ़ेगी।
नए लाइसेंस के लिए पुराना आदेश रहेगा यथावत लाइसेंस को लेकर जो संशोधित आदेश निकला है उसमें नवीनीकरण तो पुराने तरीके से ही होगा पर नया लाइसेंस बीआई की भवन अनुज्ञा यानी नक्शा और भू-उपयोग की रिपोर्ट के बिना नहीं बनेगा। आयुक्त सिंह ने अपने संशोधित आदेश में नए लाइसेंस के संबंध में पुराने आदेश को यथावत प्रभावशील रखा है। लाइसेंस शाखा से जुड़े निगमकर्मियों की मानें तो नए आदेश आने के बाद से अभी तक सिर्फ 8 से 10 ट्रेड लाइसेंस बने हैं जो कि बीआई की रिपोर्ट आने के बाद ही बनाए गए हैं। लाइसेंस के लिए आवेदन आ रहे हैं, लेकिन बीआई की रिपोर्ट न देने पर प्रकरण पेंडिंग हो रहे हैं। हालांकि निगम में अभी ट्रेड लाइसेंस की संख्या 59 हजार 800 के आसपास हैं। अब नए आदेश के चलते संख्या कम हो जाएगी, क्योंकि शहर में अधिकतर व्यावसायिक संस्था आवासीय भवन में चल रही है। इनके लाइसेंस न बनने से संख्या कम होगी।