ईओडब्ल्यू ने पिछले दिनों नगर निगम के जल यंत्रालय के सहायक यंत्री अभय राठौर के घर छापा मारा था। इसमें करोड़ों रुपए संपत्ति मिली थी। उनके नाम के अलावा रिश्तेदारों के नाम पर भी करोड़ों की संपत्ति के बारे में ब्यूरो को पता चला था। छापे के दौरान राठौर के घर से 40 के करीबन बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली थी। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने खातों के बारे में बैंक से पता किया तो कुछ बंद निकले। काफी समय पहले ही इन्हें बंद कर दिया गया था। जांच के दौरान पास-बुक मिली है और उनमें भी लेन-देन हुआ है। इसके चलते ईओडब्ल्यू ने बैंक से सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है। ये खाते कब बंद हुए और उनमें जमा रुपयों को किस खाते में ट्रांसफर किया गया, ये जानकारी विभाग जुटा रहा है।
must read : कुएं पर बने अवैध मकान को जब तोडऩे पहुंची टीम, तो दरवाजा खोलते ही दिखी ये चीज निगम नहीं दे रहा जानकारी ब्यूरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार खाता बंद होने पर उसकी सारी जानकारी स्थानीय शाखा से हटाकर बैंक के हेडऑफिस भेज दी जाती है। वहां ही स्टोर रहती है। इसके चलते फिलहाल ब्यूरो को जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं अफसर के बारे में नगर निगम से ब्यूरो कई बार जांच के लिए जानकारी मांग चुका है, लेकिन उसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।
must read : कांग्रेस पार्षद दल ने जनसुनवाई को लेकर फिर खोला मोर्चा, जानें क्या है वजह ब्यूरो ने निगम से उनकी पदस्थापना के बारे में भी पूछा है, ताकि आगामी कार्रवाई को मंजूरी के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा सके। रिमांइडर देने के बाद भी नगर निगम जानकारी नहीं दे रहा है। निगम और बैंक से जानकारी मिलने के बाद ब्यूरो मामले में चालान पेश कर सकता है। इसके लिए अभियोजन स्वीकृति के लिए भी तैयारी कर ली है। निगम से जानकारी मिलने पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस मामले में अभियोजन की स्वीकृति नगर निगम देगा या फिर शासन के पास मंजूरी के लिए लेटर भेजना होगा।