सिरपुर तालाब का मुख्य हिस्सा इंदौर-1 में आता है, जो धार रोड की तरफ है। मुख्य गेट के पास पुराना गार्डन है। यहीं पर छोटा व बड़ा सिरपुर तालाब का मुख्य हिस्सा है। ये दुर्दशा का शिकार है। सीएम के दौरे पर लीपापोती की कोशिश हुई। तालाब के प्रजापत नगर वाला पिछला हिस्सा इंदौर-4 में आता है। इसमें भी छोटे तालाब का हिस्सा है। यहीं 30 एकड़ में गार्डन बनाया जा रहा है। एसटीपी का निर्माण भी इधर हो रहा है। इसी से वेटलैंड को नुकसान पहुंच रहा है।
इंदौर-4 की विधायक मालिनी गौड़ के महापौर कार्यकाल में गार्डन का निर्माण शुरू किया गया था। गार्डन को अंतिम रूप वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव के कार्यकाल में दिया जा रहा है। एसटीपी भी उनके ही निर्देश पर बन रहा है। गौड और भार्गव दोनों का गृह क्षेत्र इंदौर-4 है। दोनों का फोकस इस ओर ही ज्यादा है, जबकि धार रोड वाले हिस्से की अनदेखी हो रही है। मुख्य तालाब धार रोड पर ही है।
सवाल: निगम निर्माण किसकी अनुमति से कर रहा है?
जवाब: नियम अनुसार निगम ही निर्माण की अथॉरिटी है।
सवाल: नियम में 50 मीटर, मास्टर प्लान में 60 मीटर तक निर्माण की अनुमति नहीं है।
जवाब: तालाब को प्रोटेक्ट करने को निर्माण कर रहे हंै।
सवाल: सिरपुर तालाब के मुख्य हिस्से के विकास के लिए क्या प्लाङ्क्षनग है?
जवाब: तालाब की पाल को प्रोटेक्ट करेंगे। अतिक्रमण भी हटाएंगे।
तालाब का संरक्षण प्राथमिकता में है। विधायक होने के नाते इस क्षेत्र का विकास करवाती हूं। धार रोड की ओर विकास को लेकर कुछ नहीं कह पाऊंगी। रामसर साइट के नियमों को लेकर अफसरों से बात की जाएगी।
– मालिनी गौड़, विधायक
महापौर खुद विधि के जानकार हैं। निगम को वेटलैंड और मास्टर प्लान के नियमों के हिसाब से पक्का निर्माण नहीं करना चाहिए। महापौर को ठीक करने के लिए अफसरों को निर्देश देने चाहिए। एसटीपी तो कहीं भी बन सकता है। सिरपुर तालाब पर सीमेंट-कांक्रीट या ऐसी चीजों का उपयोग पर्यावरण हितैषी नहीं है। ये तो नेचर ही चेंज कर देंगे, जिसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
अभिनव पी. धनोदकर, अधिवक्ता