डॉक्टर इसे लेकर चिंता में हैं। क्योंकि, इन मरीजों में दोबारा संक्रमण होना घातक हो सकता है। ऐसे में कुछ को तो दोबारा ऑपरेशन करने की नौबत आ रही है। शहर के एमवायएच और निजी अस्पतालों में पहुंच रहे इन ब्लैक फंगस मरीजों में रोज एक-दो मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें संक्रमण पहले हुआ था।
ऑपरेशन हुआ या फिर अस्पताल में भर्ती होने पर हालत में सुधार हुआ और उनको घर भेज दिया गया था। लेकिन, दोबारा संक्रमण बढ़ा तो मरीजों को दिक्कत होने पर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। एमवाय अस्पताल में पिछले 10 दिनों में 30 नए मरीज भर्ती हुए। इनमें 8 मरीज ऐसे थे, जिनमें दोबारा संक्रमण बढ़ा है। इनमें से चार एमवायएच में और 4 मरीजों का ऑपरेशन शहर के निजी अस्पतालों में किया गया था। संक्रमण दोबारा बढ़ने पर इन्हें एमवायएच अस्पताल में ही भर्ती किया गया है।
8 मरीज सामने आ चुके हैं
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीपी पांडे का कहना है, पिछले दिनों में ऐसे 8 मरीज सामने आए हैं, जिन्हें ब्लैक फंगस का पूरा उपचार देकर घर भेज दिया गया था लेकिन थोड़े समय बाद उन्हें अन्य समस्या के करण दोबोरा भर्ती करना पड़ा।
50 दिन बाद घर लौटा युवक
32 वर्षीय उज्जैन रोड स्थित प्रीमियम पार्क कॉलोनी निवासी आशुतोष शर्मा कोरोना व ब्लैक फंगस को हराकर सोमवार को अपने घर लौट गया। वे पिछले 50 दिन से मोहक अस्पताल में भर्ती थे। चेस्ट फिजिशियन डॉ. रवि डोसी के मुताबिक युवक को 9 मई को कोरोना के चलते भर्ती किया गया था। उसके फेफड़ों में 100 फीसदी तक संक्रमण था। 30 से 35 दिन तो वह आइसीयू में वेंटीलेटर पर रहा।