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5 और 8 अगस्त को हुए ऑपरेशन में से 15 मरीज संक्रमण का शिकार होने से अपने नेत्र गंवा चुके थे। 11 मरीजों का इलाज चोइथराम नेत्रालय में 17 अगस्त को शुरू किया गया। दो मरीज मुन्नीबाई रघुवंशी और राधा यादव की आंखें इंदौर नेत्र चिकित्सालय में पहले ही निकाल दी गई थी। बाद में दो मरीज और पहुंचे थे, जिनकी आंखों की रोशनी 5 अगस्त को हुए ऑपरेशन के बाद चली गई थी। पांच मरीजों को इलाज के लिए चेन्नई भेजा है। जिन 8 मरीजों का चोइथराम नेत्रालय में चल रहा है, उनमें से सुशीलाबाई, रामीबाई, कालीबाई और शांतिबाई को शुक्रवार को छुट्टी दे दी गई।
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चेन्नई भेजे गए मरीज बालमुकुंद वैष्णव, मिश्रीलाल, हरपालदास, और मनोहर हरोड़ की आंखें निकाली नहीं गई हैं। संक्रमण खत्म करने के साथ कार्निया टिश्यू ट्रांसप्लांट कर उनकी आंखें तो बचा ली गईं, लेकिन रोशनी लौटने की संभावना न के बराबर है। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया, एक मरीज मोहन की आंख निकालनी पड़ी है। मरीजों को जल्द वापस लाने की तैयारी की जा रही है। आगे का फॉलोअप इंदौर में ही करने की व्यवस्था की जाएगी।
सिलावट बोले होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री सिलावट ने घटना दबाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के सवाल पर कहा, संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी परिवार में दु:खद घटना होने पर अमेठी गए हैं। शनिवार को उनके लौटने पर अब तक हुई जांच पर चर्चा की जाएगी। रिपोर्ट की समीक्षा कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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मिलावटखोरों को था भाजपा का संरक्षण
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा 9 माह से सरकार पर कोई काम नहीं कर पाने के आरोप पर सिलावट ने कहा, सरकार को काम करने के लिए सिर्फ 6 माह मिले हैं। भाजपा सरकार के समय मिलावटखोरों को पूरा संरक्षण था। हमने एक माह में ही 10 रासुका, 40 एफआईआर और कई मिलावटखोरों को जिलाबदर किया है।
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डॉक्टर बोले मरीजों की दुआ से मां हुई ठीक
पीडि़तों के इलाज के लिए शंकर नेत्रालय चेन्नई से इंदौर आकर एक सप्ताह तक रुके डॉ. रमन का स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया। मरीजों को नि:शुल्क सेवाएं देने वाले चोइथराम नेत्रालय के मैनेजिंग ट्रस्टी अश्विनी वर्मा का भी सम्मान किया। डॉ. रमन ने कहा, जब इंदौर आया था तो मां आईसीयू में थीं, एक माह से उनको होश भी नहीं था। ये मरीजों की दुआओं का ही असर है, कि दो दिन पहले उन्हें होश आया और अब वह बातचीत भी करने लगी हैं।