इंदौर। बिंदास, बेबाक, बेपरवाह और अल्हड़पन... पहली नजर में युवा शब्द के मायने कुछ गैर जिम्मेदार से प्रतीत होते हैं, लेकिन हकीकत इससे जुदा है। मस्तीभरी जिंदगी में युवा पीढ़ी अपनी जिम्मेदारियों को भी समझती है। इसका नतीजा है कि मौजूदा दौर में सफलता के शीर्ष पर पहुंचने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है। इस पीढ़ी के पास नई सोच, नई अप्रोच के साथ कड़ी मेहनत करने का माद्दा भी है। युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मनाए जाने वाले युवा दिवस के मौके पर 'पत्रिका' ने शहर के कुछ ऐसे युवाओं की रीयल स्टोरी तलाशी जिन्होंने एक आइडिया पर काम करते हुए अपने सहित सोसायटी के सामने मिसाल पेश की है।