राजगृही कॉलोनी में प्लॉट आवंटन को लेकर हाई कोर्ट ने 31 अक्टूबर 2018 और 25 जनवरी 2019 को आदेश जारी किए थे। इन आदेशों में कॉलोनियों के सदस्यों को प्लॉट आवंटित किए जाने हैं। हाई कोर्ट ने तीन साल पहले समय सीमा तय करते हुए प्लॉट आवंटन के लिए आदेश जारी किए थे, लेकिन 3 सालों से इस आदेश को विभाग के अफसर दबाए बैठे रहे। वहीं पिछले दिनों आयुक्त सहकारिता केसी गुप्ता ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए सदस्यों को प्लॉट का कब्जा दिलाने और इससे जुडे कानूनी कार्रवाई को पूरी करने के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में संयुक्त आयुक्त सहकारिता को संस्था का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि संस्था के अध्यक्ष या प्रशासक ओर कॉलोनी के रहवासी संघ के अध्यक्ष या प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है। इन्हें इस काम को प्राथमिकता पर रखते हुए सभी सदस्यो को जानकारी देकर उनसे दावे-आपत्तियां बुलाने और उसके साथ ही संस्था के 2019 में जप्त रिकॉर्ड की जांच करने और उसके प्रतिवेदन के आधार पर सदस्यों से विकास शुल्क की राशि जमा कराने के लिए कहा गया है। साथ ही इसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए भी आदेश जारी किया गया है।
आदेश आते हुी जुट गए अफसर
आदेश आते हुी जुट गए अफसर
वहीं इस आदेश के इंदौर पहुंचने के बाद संयुक्त आयुक्त सहकारिता ने संस्था का सारा रिकॉर्ड उपायुक्त कार्यालय से तलब कर लिया है। साथ ही सभी दस्तावेजों का परीक्षण भी शुरू करवा दिया गया है। जिसमें संस्था की ऑडिट रिपोर्ट पूर्व में जारी वरीयता सूची व अन्य दस्तावेज बुलाए गए हैं। वहीं 2019 में कलेक्टर द्वारा जप्त रिकॉर्ड जो कि ट्रेजरी में रखा हुआ है, उसे प्राप्त करने और उसके परीक्षण के लिए भी आदेश जारी कर दिए हैं।
सदस्यों को जारी कर रहे चिट्ठी
सदस्यों को जारी कर रहे चिट्ठी
वहीं इसको लेकर सदस्यों को भी एक चिट्ठी जारी करने की तैयारी की जा रही है। उनसे पूर्व में बनी संस्था की वरीयता सूची के आधार पर ही दावे आपत्ति बुलाए जा रहे हैं।
ब़ॉबी से रिश्तेदार के घर मिला था रिकॉर्ड 2019 में प्रशासन, पुलिस और सहकारिता विभाग की संयुक्त टीमों ने कार्रवाई करते हुए कई जगह छापे मारे थे। इस दौरान जमीन में गड़बड़ी करने वाले बॉबी छाबड़ा के रिश्तेदार सतबीरसिंह छाबड़ा के पागनीसपागा स्थित घर पर छापा मारा था। जहां से कई संस्थाओ के रिकॉर्ड जप्त हुए थे। इनमें जागृती गृह निर्माण से जुड़े दस्तावेज भी थे। वहीं अब इन्ही दस्तावेजों की जांच कर प्लॉट आवंटन के लिए आदेश जारी किया गया है।