हालांकि राहत वाली बात यह है कि इस साल घरेलू यातायात बढऩे की अच्छी खासी संभावना है। ट्रेवल एजेंट्स का कहना है कि इस बार वेकेशन में लोग भारत की विभिन्न जगहों पर घूमने को तरजीह देंगे, जिससे डोमेस्टिक ट्रेवल 30 से 40 फीसदी तक बढ़ सकता है।
दरअसल, गर्मियां शुरू होते ही लोग गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान करने लगते हैं। इंदौर से ज्यादातर लोग गर्मियों में एशियन कंट्रीज जैसे सिंगापुर, मलेशिया, हांगकांग, चीन जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण इन देशों में जाने वालो की संख्या में भारी गिरावट आ रही है। ट्रेवल एजेंट्स के अनुसार, इन देशों के लिए हुई बुकिंग में से करीब 80 फीसदी बुकिंग कैंसिल हुई हैं। इससे इंटरनेशनल टूरिज्म इंडस्ट्री पर असर पड़ा है।
40 फीसदी बुकिंग होती थी एशियन देशों की
वेकेशन में शहर से होने वाली कुल बुकिंग में से 40 से 45 फीसदी बुकिंग केवल एशियाई देशों के लिए होती थीं। लेकिन इस बार यह रुख देखने को नहीं मिल रहा है। ट्रेवल एजेंसीज के अनुसार, अब लोग सिंगापुर, हांगकांग, कंबोडिया, मकाऊ, मलेशिया, थाईलैंड जाने की जगह अन्य देशों की बुकिंग ज्यादा करा रहे हैं और जो लोग यहां नहीं जा सकते, वे भारत की ही विभिन्न जगहों के लिए बुकिंग करा रहे हैं।
70 फीसदी घाटा हुआ एयरलाइंस को
ट्रेवल एजेंट्स की मानें, तो हर महीने विभिन्न एयरलाइंस ट्रेवल के कारण जितना रेवेन्यू जनरेट करती थीं। कोरोना वायरस के बाद बीते एक महीने में उन्होंने केवल 30 फीसदी रेवेन्यू ही जनरेट किया है। यानी कि विभिन्न एयरलाइंस को 70 फीसदी का घाटा हुआ है। कुछ एयरलाइंस ने जून-जुलाई तक इन देशों की फ्लाइट भी कैंसिल कर दी हैं।
भारतीय टूरिज्म ( Indian Tourism ) को पहुंचेगा फायदा
कोरोना वायरस के कारण जहां इंटरनेशनल टूरिज्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, वहीं भारतीय टूरिज्म को इस बार इससे लाभ मिलने की संभावना है। ट्रेवल एजेंट्स की मानें, तो इस साल भारतीय टूरिज्म 40 फीसदी तक बढ़ सकता है, क्योकि देश मे कोरोना वायरस का कोई असर नहीं है। इसके अलावा इंटरनेशनल टूरिज्म में यूरोपीय कंट्रीज, वियतनाम, इंडोनेशिया, यूएसए को फायदा पहुंच सकता है।
अब तक का सबसे अधिक नुकसान
ट्रेवल एजेंट क्षितिज नामदेव ने बताया कि एशियन कंट्रीज की प्री-बुकिंग कैंसिल होने से टूरिज्म इंडस्ट्री पर खासा प्रभाव पड़ा है। अगर एयरलाइंस की बात रहें, तो उनका रेवेन्यू 70 फीसदी तक घट गया है। हालांकि इस बार भारतीय टूरिज्म बढऩे की संभावना है, यह 40 फीसदी से ज्यादा हो सकता है।
योग जैसी गतिविधियों पर भी विराम लग गया
योगा ट्रेनर चेतना जोशी पिछले कुछ सालों से योग ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर और अन्य देशों में जा रही हैं लेकिन इस बार उन्होंने इस तरह की कोई योजना नहीं बनाई है। उन्होंने बताया कि इन देशों में योग बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और भारतीय प्रशिक्षकों की बहुत जरूरत है लेकिन इस साल इस तरह की गतिविधियां रुक सी गई हैं।