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मंत्रालय की ओर से जारी हुए आंकड़े
– देश में इंफ्रा से रिलेटिड कुल प्रोजेक्ट्स की संख्या 1686।
– करीब 530 प्रोजेक्ट्स में देरी से चल रहा है काम।
– 403 परियोजनाओं के बजट में हो गया है इजाफा।
– 1,686 प्रोजेक्ट्स का मूल बजट 20,66,771.94 करोड़ रुपए था।
– मौजूदा समय में इन प्रोजेक्ट्स का बजट बढ़कर 24,71,947.66 करोड़ रुपए होने का अनुमान।
– यानी मूल बजट में हो गया है 4,05,175.72 करोड़ रुपए का इजाफा।
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जानिए किना हो चुका है खर्च
– मार्च 2020 तक इन प्रोजेक्ट्स पर हो चुका है 11,20,696.16 करोड़ रुपए खर्च।
– यानी कुल अनुमानित बजट का 45.34 फीसदी बजट खर्च हो चुका है।
– मंत्रालय के अनुसार टाइम लिमिट के हिसाब से लेट प्रोजेक्ट्स की संख्या 452 पर आने के आसार।
– 530 प्रोजेक्ट्स में 155 में चल रही है 12 महीने तक की औसत देरीह।
– 114 प्रोजेक्ट्स में देखने को मिल रही है 24 महीने की औसत देरी।
– 148 प्रोजेक्ट्स में 60 महीने तक की औसत देरी।
– 113प्रोजेक्ट्स में देखने को मिल रही है 61 महीने से ज्यादा की देरी।
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क्या है इन प्रोजेक्ट्स में देरी के कारण
– भू-अधिग्रहण में विलंब।
– पर्यावरण व वन विभाग की मंजूरी ना मिलना।
– बुनियादी संरचना की कमी।
– प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग में देरी।
– प्रोजेक्ट्स की संभावना में बदलाव।
– टेंडर प्रोसेस में देरी।
– ठेका देने देरी।
– प्रोजेक्ट इक्विपमेंट्स को मंगाने में देरी।
– लैंड यूज चेंज करने में देरी।