scriptफाइबर की मांग, डॉलर की मजबूती से कॉटन वायदे में उछाल | Cotton futures rally firmly in dollar | Patrika News
कारोबार

फाइबर की मांग, डॉलर की मजबूती से कॉटन वायदे में उछाल

फसल खराब होने की रिपोर्ट के बाद उत्पादन अनुमान में कमी के कारण घरेलू बाजार में कॉटन में जोरदार तेजी का रुख पहले से ही बना हुआ है।

नई दिल्लीJan 05, 2018 / 02:08 pm

आलोक कुमार

cotton
नई दिल्ली. अंतरराष्‍ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेन्टल एक्सचेंज (आईसीई) में बीते स़त्र में गुरुवार को कॉटन के वायदे में जोरदार उछाल आया, जो कि अमरीकी फाइबर की मांग में तेजी व डॉलर में आई मजबूती से प्रेरित था। बाजार के जानकारों के मुताबिक विदेशी बाजार में तेजी का घेरलू बाजार को फायदा मिलेगा।

कृत्रिम फाइबर होगा महंगा
अमरीका में कॉटन का मार्च वायदा 1.5 फीसदी उछाल के साथ 79.25 से प्रति पाउंड पर बंद हुआ, जोकि सबसे सक्रिय वायदा सौदे में 19 मई के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। कमोडिटी एनालिस्ट मुंबई के गिरीश काबरा के मुताबिक कच्चे तेल में हाल के दिनों में आई मजबूती से कृत्रिम फाइबर महंगा पड़ेगा। जाहिर है कि इसका फायदा कॉटन फाइबर को होगा, जिससे कॉटन में आगे भी तेजी रहने के संकेत हैं।

अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेजी
कॉमर्जबैंक ने भी पिछले दिनों कहा था कि कॉटन की तेजी में कच्चा तेल की कीमतों का भी असर देखा जा रहा है, क्योंकि कच्चे तेल का इस्तेमाल कृत्रिम फाइबर बनाने में होता है। कमोडिटी विश्लेषक रेलीगेयर के वाइस प्रेसिडेंट अजितेश ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी से घेरलू बाजार में भी तेजी देखने को मिलेगी।

घरेलू बाजार में कॉटन की मांग बढ़ी
वैसे, फसल खराब होने की रिपोर्ट के बाद उत्पादन अनुमान में कमी के कारण घरेलू बाजार में कॉटन में जोरदार तेजी का रुख पहले से ही बना हुआ है। बाजार के जानकारों के मुताबिक, सटोरियों ने कॉटन में अपने पोजीशन बनाई है जिससे तेजी को सपोर्ट मिला है।

कॉटन की खपत में तीन फीसदी की बढ़ोतरी
गौरतलब है कि कॉटन उत्पादन, खपत व व्यापार से जुड़े देशों का संगठन इंटरनेशनल कॉटन एडवायजरी कमेटी मंगलवार को जारी 2017-18 के अनुमान में दुनियाभर में कॉटन खपत में करीब तीन फीसदी की बढ़ोतरी की है। आईसीएसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने के अनुमान से इस महीने का उत्पादन अनुमान 0.31 फीसदी कम है जबकि खपत अनुमान में कटौती नहीं की गई है। 2017-18 में पिछले साल के मुकाबले इस साल कॉटन उत्पादन 10.61 फीसदी इजाफा इजाफा के साथ 25.43 मिलयन टन रहने का अनुमान है।
वहीं, खपत भी 2.85 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 25.22 मिलियन टन रहने का अनुमान है। वैश्विक आयात पिछले साल के 8.11 मिलियन टन के मुकाबले 8.35 मिलियन टन रहने का अनुमान है जबकि निर्यात भी 8.07 से बढ़कर 8.35 मिलियन टन रहने की उम्मीद है। अंतिम स्टॉक पिछले साल के 18.77 मिलियन टन के मुकाबले 18.98 मिलियन टन रह सकता है।

भारत में कम उत्‍पादन
आईसीएसी के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय कीमतें पिछले साल से कम रहने और दूसरे प्रतिस्पर्धी फाइबर के दाम ऊंचे होने से कॉटन की वैश्विक खपत में इजाफा होने की उम्मीद है। दूसरी तरफ, भारत में कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दिसंबर के अंत में देश के कॉटन उत्पादन 375 लाख गांठ (170 किलोग्राम) रहने का अनुमान जारी किया था। पिछले साल भारत में कॉटन का उत्पादन 2017-18 (अक्टूबर-सिंतंबर) में 345 लाख गांठ रहा था। सीएआई ने देश का कॉटन निर्यात अनुमान को 63 लाख गांठ से घटाकर 55 लाख गांठ कर दिया है। सीएआई ने आयात अनुमान को 17 लाख गांठ से बढ़ाकर 20 लाख गांठ कर दिया है।

Home / Business / फाइबर की मांग, डॉलर की मजबूती से कॉटन वायदे में उछाल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो