छोटे शहरों में बना रही अपने गोदाम
उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां छोटे शहरों में अपने गोदाम बना रही हैं तथा इन शहरों में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा रही हैं। टीमलीज सर्विसेज के प्रमुख (डिजिटल एवं सूचना प्रौद्योगिकी) मयूर सारस्वत ने कहा, ‘पिछले साल दिवाली बिक्री में टियर-2 और तीन शहरों की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। यह एक शानदार बदलाव है तथा इससे वेयरहाउस, लॉजिस्टिक्स तथा दूरस्थ संपर्क पर ई-वाणिज्य कंपनियों के ध्यान केंद्रित करने का संकेतक है। इन शहरों में रोजगार बाजार बढ़ रहा है तथा इसमें 15 फीसदी की वृद्धि देखने को मिलेगी।’
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मेट्रो सिटी में बढ़ रहा कॉम्प्टीशन
सारस्वत ने कहा कि मेट्रो शहरों में प्रतिस्पर्धा ऐसे स्तर पर पहुंच रही है, जहां वृद्धि स्थिर होने लगी है। ऐसे में कंपनियां नए बाजारों की तलाश कर रही हैं और छोटे शहर उनके लिए इस दिशा में स्वाभाविक विकल्प हैं। इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने कहा कि उनके आंकड़ों के मुताबिक देश की कुछ अग्रणी कंपनियां दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में प्रतिभाओं की तलाश कर रही हैं। उन्हें काम पर रख रहीं हैं।
खुदरा कारोबार में बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे शहर देश में खुदरा कारोबार वृद्धि के भविष्य के केन्द्र हैं। इन शहरों में जमीन सस्ती दर पर उपलब्ध है, किराया कम है और ग्राहक भी नये स्टोरों को लेकर नये अनुभव के लिये तैयार हैं।
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