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आपके टायर की सेहत ठीक करता है ये स्टार्टअप, होती है लाखों की कमार्इ

राजस्थान से शुरु हुआा ये खास स्टार्टअप बड़ी गाड़ियों के टायर्स ठीक करने का काम करता है।

नई दिल्लीAug 22, 2018 / 02:10 pm

Ashutosh Verma

Fleeca

आपके टायर की सेहत ठीक करता है ये स्टार्टअप, होती है लाखों की कमार्इ

नर्इ दिल्ली। भारत में जिस तेजी से रोड का विकास हो रहा है, उससे कहीं ज्यादा तेजी से इन रोड पर गाड़ियों को काफिला बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इन गाड़ियों के टायर्स की देखभाल सबसे जरूरी हो जाता है क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ें एक अलग कहानी बयान कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा खास स्टार्टअप शुरु हुआ है जो आपको गाड़ियों की टायर्स का खास ख्याल रखता है। जब 13 साल तक टेक्नोलाॅजी में अनुभव रखने वाले टिकम चंद जैन से ये पूछा गया कि आखिर आप क्यों इस तरह के स्टार्टअप में रुचि ले रहे हैं तो उन्होंने एक बहुत ही साफ और सरल जवाब दिया। उनका जवाब था कि, आज के दौर में रोड पर होने वाली सबसे बड़ी परेशानियों में से एक और इसको परेशानी को हम जड़ से खत्म करना होगा।


एेसे मिला अाइडिया
टिकम चंद इसके पहले श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस में 8 सालों तक काम कर चुके हैं और फिर इसके बाद उन्होंने एक सॉफ्टवेयर लॉजिस्टिक्स कंपनी में भी काम कर चुके हैं। इस दौरान टिकम चंद ने टायर मैनेजमेंट पर होने वाले मोटे खर्चे को जब देखा तो वो थोड़े परेशान हुए। फिर यहीं से उन्हें इस खास स्टार्टअप की शुरुआत करने का आइडिया मिला। टिकम चंद बताते हैं कि, जब मैं ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काम करता था तो कई लोग मुझसे टायर्स खराब होने के वजह से रोडब्लाॅक की समस्या के बारे में बताते थे। इससे कंपनी को मोटा खर्च उठाना पड़ता था। और फिर मैने इस समस्या का समाधान निकालने के बारे में सोचना शुरु किया।


गाड़ियों की सुरक्षा सबसे जरूरी
साल 2016 में टिकम चंद ने अपने पुराने सहकर्मी और दोस्त लोकेश शर्मा के साथ ‘Fleeca’ की शुरुआत की। fleeca का मतलब है FleetCare है और ये एक टायर मैनेजमेंट सर्विस कंपनी है जो बड़ी गाड़ियों के लिए काम करती है। टिकम आगे बताते हैं कि, मैं भारत के रोड पर गाड़ियों की सुरक्षा के बारे में सोच रहा था। गाड़ियों को पूरा बोझ सिर्फ टार्यस पर ही टिका हुआ होता है। मैं इन टायर्स को और बेहतर करना चाहता था क्योंकि ये हमारे सामान को एक से दूसरी जगह ले जाने में सबसे अहम होते हैं और इसका असर हमारे वातावरण पर भी पड़ता है।


इस खास तकनीक की मदद से हाेता है काम
फिलहाल ये कंपनी करीब 15 बी2बी क्लाइंट के साथ काम करती है। ये कंपनी अपने सर्विस में इंस्पेक्शन और रिफर्बिश्ड जैसे काम को देखती है। मौजूदा समय में कंपनी के पास करीब 300 टायर्स का मरम्मत किया जा रहा है। सबसे खास बात ये है कंपनी रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक का इस्तेमाल करती है ताकि वो टायर्स के पूरे लाइफसाइकिल के माइलेज को ट्रैक कर सके। एक छोटे से माइक्रोचिप से उस टायर्स के बारे में जानकारी इकट्रठा किया जाता है। ये कंपनी इस बात का दावा करती है कि वो टायर मैनेजमेंट से वाहनचालकों के खर्च में करीब 15 फीसदी की कमी आती है।


तेजी से आगे बढ़ रहा है कारोबार
यही नहीं, ये कंपनी अपने कस्टमर्स के लिए यूजर फ्रेंडली ऐप का भी इस्तेमाल करती है। फिलहाल इस कंपनी में कुल 18 लोग काम करते हैं और पूरे भारत में इसकी 8 प्लांट्रस हैं। अपनी शुरुआत के बाद से ही ये कंपनी लगातार आगे बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2017-18 कंपनी करीब 42 लाख रुपये का मुनाफा कमाई की थी। वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी को अब तक 25 लाख रुपये का मुनाफा हो चुका है।

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