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इन कंपनियों में होड़
भारतीय वायु सेना के साथ डील करने के लिए रूस और अमरीका की कई कंपनियों में होड़ लगी हुई हैं। जिसमें कई कंपनियां वैश्विक रूप से काफी बड़ी और नामी भी हैं। इन कंपनियों में बोइंग, लॉकहीड मार्टिन इंडिया, यूरोफाइटर, रशियन यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन और साब हैं। जो लगभग 1500 करोड़ डॉलर के अनुबंध की दौड़ में हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भारत सरकार और वायु सेना ने फ्रांसिसी कंपनी रफाल के साथ डील की थी।
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इस तरह के ऑफर दे रही हैं कंपनियां
भारत के साथ फाइटर प्लेन का सौदा करने के लिए विमान निर्माता कंपनियां अच्छे ऑफर्स भी दे रीही हैं। अमरीकी कंपनियों की बात करें तो भारत में एफ-16 और एफ-16 जेट की उत्पादन लाइनें स्थापित करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर रूस 36 और राफेल की आपूर्ति संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।
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आखिर क्यों हैं IAF को जल्दी
भारतीय वायु सेना चाहती है कि जल्द से जल्द लड़ाकू विमानों की नई लाइन शामिल हो जाए, क्योंकि लड़ाकू विमानों की कमी के कारण भारतीय वायु सेना के युद्ध से संबंधित योजनाओं पर काफी असर पड़ा है। आपको बता दें कि अमरीकी और रूसी कंपनियों ने इससे पहले मीडियम मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) नीलामी प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया था।