जनवरी में 53.9 अंक था
आपको बता दें कि जनवरी में यह 53.9 अंक पर था। ऐसा कारोबारी हालतों में तेज बेहतरी के चलते देखा गया है। यह लगातार 19वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है। पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार और उससे नीचे रहना गतिविधियों में कमी को दर्शाता है। सर्वेक्षण के अनुसार फरवरी के आंकड़े दिसंबर 2017 के बाद कारोबार हालातों में सबसे मजबूत वृद्धि को दर्शाते हैं।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
वहीं, कारखानों को मिले ऑर्डर में यह सबसे तेज वृद्धि देखी गई है जिससे उत्पादन और रोजगार में तेज वृद्धि दर्ज की गई। आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री और इस सर्वेक्षण रिपोर्ट की लेखिका पॉलियना डी लीमा ने कहा कि वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की प्रगति बेहतर रहेगी। जनवरी में इसमें तेजी का रुख देखा गया था।
रोजगारों में भी आई तेजी
लीमा ने कहा कि इस दौरान रोजगार में जो तेजी देखी गई है वह पिछले साढ़े छह साल में सबसे अच्छे दौर में से एक है। इसकी वजह घरेलू और विदेशी ग्राहकों की ओर से बड़ी मांग के चलते विनिर्माण इकाइयों का अपना उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाना है।