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आखिरी दौर में बातचीत
सूत्रों की मानें तो तो पतंजलि ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और जम्मू एंड कश्मीर बैंक से संपर्क किया है। बैंकों और पतंजलि के बीच की बातचीत आखिरी दौर में चल रही है। जल्द बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर लगने वाले ब्याज की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी। अभी इस बारे में ना तो पतंजलि और ना ही बैंक कोर्अ जवाब दे रहे हैं। आपको बता दें कि पतंजलि ने इनसॉल्वेंसी ऑक्शन के माध्मय से रुचि सोया अपने नाम किया है। रुचि सोया पर 9,300 करोड़ से अधिक का कर्ज है। जिसमें 1,800 करोड़ रुपए एसबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 816 करोड़ और पीएनबी के 743 करोड़ रुपए हैं।
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अडानी विल्मर से लड़ी लंबी लड़ाई
रुचि सोया को खरीदने के लिए पतंजलि को अडानी विल्मर से लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी। पिछले साल अगस्त में रुचि सोया के लिए सबसे बड़ी बोली अडानी विल्मर ने दी थी। पतंजलि से अडानी को कड़ा मुकाबला झेलना पड़ा था। दिसंबर 2018 में अडानी विल्मर ने रुचि सोया को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में काफी देरी हो रही थी। जिसके बाद रुचि सोया के लिए पतंजलि एकमात्र खरीदार बच गई। अप्रैल में बोली के दौरान अपनी पिछली बोली से 200 करोड़ रुपए बढ़ाकर पतंजलि ने रुचि सोया को अपने नाम कर लिया। रुचि सोया को खरीदने के बाद पतंजलि सोयाबीन ऑयल और दूसरे प्रॉडक्ट्स की बड़ी सप्लायर बन जाएगी।