इस सडक़ का निर्माण कार्य होने के बाद पांच साल की गारंटी होने पर भी दुरुस्तीकरण का कार्य नहीं करवाया गया और यह समयसीमा खत्म हो गई। इस मार्ग से आवागमन करने वाले लोगों का कहना है कि सडक़ निर्माण के समय गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ करने का नतीजा सामने आया है कि यह सडक़ अल्प समय में ही खस्ताहाल हो गई, जबकि इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही भी नहीं है, केवल किसानों के वाहन ही अधिक चलते हैं।
इस योजना के माध्यम से निर्मित होने वाली अधिकांश इलाके की सडक़ अल्प समय में ही क्षतिग्रस्त हो रही हैं। पांच साल की गारंटी पीरियड होने के बाद भी गुणवत्ता के साथ सडक़ निर्मित नहीं कराई जाती है। इतना ही नहीं गारंटी के समय सडक़ क्षतिग्रस्त हो जाने पर ठेकेदार से विभाग दुरुस्त करवाने की दिशा में कोई काम नहीं कराते हैं। इसी कारण जहां पर दो साल में ही सडक़ खराब हो गई है वहां पर किसी प्रकार का दुरुस्तीकरण के नाम से नहीं कराया गया है। गोटेगांवखेड़ा सडक़ मार्ग एवं देवनगर पुराना से राजाकछार सडक़ मार्ग जो दो साल में ही खराब हो गया, उसको अभी तक गारंटी होने पर भी ठीक नहीं करवाया जा रहा है।