मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का है। एक महिला ने आरोपी की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उसमें कहा गया था कि आरोपी छात्र नेता उसके साथ शादी का झांसा देकर लगातार रेप करता रहा और इस दौरान उसे गर्भपात कराने को भी मजबूर किया गया। आरोपी का नाम शुभांग गोटिया है, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र नेता रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी के वकील से कहा है कि एक रेप के आरोपी की जमानत पर उत्सव कैसा। क्यों न उसकी जमानत रद्द की जानी चाहिए। इस मामले में कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से भी इस मामले में जवाब मांगा है।
विस्तृत समाचार लड़की की मांग में सिंदूर भरकर 3 साल तक करता रहा रेप, ABVP का पूर्व पदाधिकारी गिरफ्तार
अगले सप्ताह होगी सुनवाई
चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच को पीड़िता के वकील ने अपील की थी। इसके बाद बेंच ने कहा कि रेप के आरोप में गिरफ्तारी और करीब डेढ़ माह जेल में रहने के बाद जमानत मिलने से आप खुशी किस बात की मना रहे हैं? रेप पीड़िता के परिजनों ने याचिका दायकर कर आरोपी पक्ष से कहा कि जमानत के बाद आप किस बात का उत्सव मना रहे हैं? क्या सेलिब्रेट कर रहे थे? यह बैनर होर्डिंग किस बारे में हैं? इसी मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
21 जून युवती ने की थी शिकायत
मामला इसी साल 21 जून का है। जबलपुर की एक लड़की पिता के साथ महिला थाने पहुंची थी। 23 साल की इस लड़की ने शुभांग के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। उसने बताया कि 2018 में कैंट स्थित कॉलेज में जब वह पढ़ाई कर रही थी, तब उसकी मुलाकात राइट टाउन निवासी 25 साल के शुभांग गोटिया से हुई थी। उस दौरान वह एबीवीपी की मेंबरशिप ले रही थी। उस वक्त शुभांग महानगर मंत्री पद पर था।
मांग में सिंदूर भरकर दिया झांसा
युवती ने पुलिस को बताया कि दोनों में दोस्ती हो गई और प्यार में बदल गई। शुभांग उसे कई जगह घुमाने ले गया। एक दिन उसने मांग में सिंदूर भरते हुए कहा कि अब वह उसकी पत्नी है। उसके बाद कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इस साल की शुरुआत में जब उसने गोटिया से शादी की बात की तो वह मुकर गया। उसने लड़की से कहा कि यह सब ढोंग था। इसके बाद लड़की ने उस पर रेप का केस दर्ज कराया। केस दर्ज होते ही गोटिया फरार हो गया। पुलिस ने उस पर 5 हजार का इनाम भी घोषित किया था।