दरवाजे से फेंकी बॉटल
प्राप्त जानकारी के अनुसार खिरहनी चौकी से करीब 50 कदम दूर विधायक संदीप जायसवाल का निवास है। इनके ठीक बगल में व्यापारी शंकरलाल जोतवानी का निवास है। सीसीटीवी कैमरे में स्पष्ट दिख रहा है कि शुक्रवार की रात करीब २.३० बजे एक युवक बाइक पर शंकरलाल के घर पहुंचा। उसके हाथों में एक बॉटल थी जिसमें पेट्रोल भरा हुआ था। युवक ने पेट्रोल से भरी यही बॉटल शंकरलाल के दरवाजे से अंधर फेंकी। बॉटल दरवाजे पर अटक गई, लेकिन बॉटल के फटते ही आग भड़क उठी।
तो हो जाती बड़ी घटना
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जिस कमरे में युवक ने पेट्रोल बम फेंका वहां शंकरलाल के साथ उसका बेटा ऋषभ जोतवानी, पत्नी वर्षा, बेटी रिषिता व छोटा बेटा कृष्णा सो रहे थे। दरवाजे पर आग लगते ही उनकी लपट पलंग तक पहुंच गई। इसकी आंच से सभी जाग उठे और दौड़कर आग बुझाई। उनकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी एकत्रित हो गए। ऋषभ ने बताया कि यदि बोतल दरवाजे पर नहीं अटकती तो चार लोग जिंदा जल सकते थे। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
12 घंटे बाद पहुंची पुलिस
बताया गया है कि घटना के तत्काल बाद ऋषभ खिरहनी चौकी पहुंचा, लेकिन रात में पुलिए चौकी बंद थी। वहां पर कोई नहीं मिला। परिजनों ने डायल 100 को सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने यह कहकर चलता कर दिया कि यह मामला कोतवाली पुलिस का है। इसलिए वे हस्तक्षेप नहीं कर सकते। बाद में लोगों ने कई बार पुलिस को सूचित किया। सूचना के बाद शनिवार को दिन में करीब २ बजे पुलिस पहुंच पाई। अब सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर वारदात को अंजाम देने वाले युवक की पहचान की जा रही है।
दहशत में रहवासी
पेट्रोल बम कि इस घटना से क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है। क्षेत्रीय निवासी कैलाश पाठक का कहना है कि पुलिस चौकी और विधायक निवास के समीप इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में सामान्य लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस तरह की घटनाओं से पुलिस की गश्त व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि सूचना देने के 12 घंटे बाद पुलिस मामले की जांच करने पहुंची। इससे पुलिस की चुस्ती का अंदाज स्वयमेव लगाया जा सकता है।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
वार्ड पार्षद मौसूफ़ अहमद बिट्टू का कहना है कि पुलिस की कार्यप्रणाली बेहद उदासीन है। यदि रात में ही पुलिस सक्रिय हो जाती तो अपराधी को पकड़ा जा सकता था। पुलिस को इस मामले में सक्रिय कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस तरह की वारदातों को अंजाम देने वालों के हौसले पस्त हो सकें।