दस लाख रुपए का था बिल जानकारी के अनुसार मेसर्स सत्या एंड संस को एमईएस वेलफेयर इंजीनियरिंग में फर्नीचर रिपेयरिंग का काम मिला था। दस लाख रुपए का बिल हुआ। जिसे पास करने के लिए ऑफिस बैरक इंचार्ज सुजीत बैठा और स्टोर कीपर जयदीप शुक्ला ने कंपनी संचालक से रिश्वत में तीन लाख दस हजार रुपए की मांग की। कंपनी संचालक ने इसकी शिकायत सीबीआई से की। जिसके बाद सीबीआई ने अपना जाल बिछाया।
एक ने रकम, दूसरे ने लिया कोरा चैक बुधवार को कंपनी संचालक वेलफेयर इंजीनियरिंग के दफ्तर पहुंचा। जहां सुजीत को कंपनी संचालक ने एक लाख रुपएा कैश दिए, लेकिन जयदीप ने हस्ताक्षरित चैक कंपनी संचालक से मांगा। कंपनी संचालक ने उसे चैक दिया। जिसके बाद जयदीप ने कंपनी संचालक के सामने ही चैक में दो लाख दस हजार रुपए की राशि भरी। राशि भरते ही जयदीप चैक जेब में रखने वाला था, तभी वहां सीबीआई की टीम पहुंच गई। टीम को देखकर दोनों हड़बड़ा गए और भागने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने दोनों को पकड़ लिया। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई सूत्रों की माने तो रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की संपत्ति की जांच भी सीबीआई के द्वारा की जएएगी।