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जबलपुर

#CoronaWarriors: आपातकाल में ऑनलाइन कंपनियों ने दिखाया ठेंगा, ये बने सच्चे सहायक, एक सैल्यूट तो बनता है

कोरोना के सेवादार: आपातकाल में ऑनलाइन कंपनियों ने दिखाया ठेंगा, ये बने सच्चे सहायक, एक सैल्यूट तो बनता है
 

जबलपुरApr 12, 2020 / 11:07 am

Lalit kostha

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कोरोना के सेवादार: आपातकाल में ऑनलाइन कंपनियों ने दिखाया ठेंगा, ये बने सच्चे सहायक, एक सैल्यूट तो बनता है

जबलपुर। टोटल लॉकडाउन में घरों में किराना, राशन और दवाएं उपलब्ध करवाने में आसपास की दुकानों के संचालक लोगों के लिए बड़े मददगार साबित हो रहे हैं। वह उन्हें हर जरूरी चीजें उपलब्ध करवा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के जोखिम के बीच लोगों की तकलीफ कम कर रहे हैं। दूसरी तरफ जो लोग ऑनलाइन कंपनियों से छोटी से लेकर बड़ी चीजें मंगाते थे, वे गायब हैं। शहर में इन कंपनियों का 15 से 20 फीसदी मार्केट पर कब्जा था, लेकिन वे नजर नहीं आ रही हैं। इसलिए लोग उनसे नाराज होने लगे हैं।

टोटल लॉकडाउन : शहर में मांग के बावजूद गायब हो गई हैं ऑनलाइन कंपनियां
मददगार बने पड़ोस के दुकानदार, किराना-दवा सहित जरूरी चीजें करवा रहे उपलब्ध

 

Social distancing is being done in vegetable market

रांझी में दवा दुकान चलाने वाले शैलेंद्र जैन कहते हैं कि रोजाना 10 से 15 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। जोखिम उन्हें भी रहता है, लेकिन हम किसी प्रकार समाज की मदद कर सकें, यह ध्येय है। घर के आसपास पड़ोसियों और जान पहचान के लोगों को आपात स्थिति में सहायता भी करता हूं। उन्हें दवाइयां मुहैया करवाने में कभी पीछे नहीं रहता। अभी ऑनलाइन कंपनियां भी दवाएं पहुंचाती थी, लेकिन हमें अब वह नजर नहीं आतीं। दवा लेने आए शांति नगर निवासी रमेश कुमार ने कहा कि इस आपात स्थिति में हमारे लिए दवा और किराना दुकान वाले बड़े सहयोगी साबित हो रहे हैं। इनके प्रति हमारा स्नेह और बढ़ा है।

हम हर स्थिति के लिए तैयार
करौंदी में किराना दुकान चलाने वाले आशीष यादव कहते हैं कि आज स्थितियां विपरीत हैं। आदमी जरूरी चीजों के लिए परेशान हैं। लेकिन, इस स्थिति और जोखिम के बीच अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हैं। हम अपने पड़ोसियों की हरसम्भव सेवा कर रहे हैं। थोक बाजार जाना आसान नहीं रहता। पुलिस का पहरा है। कई जगह पूछताछ होती है। फिर भी सेवाएं देने में पीछे नहीं हैं। ग्राहक योगेश काछी ने बताया कि हम कई चीजें ऑनलाइन मंगाते थे, लेकिन अब वह नहीं मिल रही हैं। कुछ कंपनियों ने तो अपनी बेवसाइट तक बंद कर ली हैं। ऐसे में हमारे लिए पास-पड़ोस के दुकानदार बड़े सहयोगी साबित हो रहे हैं।

 

कोरोना के सेवादार: आपातकाल में ऑनलाइन कंपनियों ने दिखाया ठेंगा, ये बने सच्चे सहायक, एक सैल्यूट तो बनता है

विपरीत परिस्थियों में भी दवा दुकानदार 12 से 15 घंटे अपनी सेवाएं दे रहा है। चाहे थोक दवा व्यापारी हो या फुटकर। जहां तक ऑनलाइन कंपनियों का सवाल है, वह देश की सेवा नहीं व्यापार करती हैं। आज के संकट में वह कहीं नजर नहीं आती हैं।
– आजाद जैन, जोनल सेक्रेटरी, जबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसो.

रिटेलर आज हमारे सबसे अच्छे पड़ोसी साबित हो रहे हैं। किराना हो या राशन इनकी आपूर्ति वहीं कर पा रहे हैं। उनका सम्मान निश्चित रूप से होना चाहिए। शहर में ऑनलाइन कंपनियां भी यह काम करती थी लेकिन उनका अभी अस्तित्व ही नजर नहीं आ रहा है। होम डिलेवरी में समय नहीं लगाते थे, लेकिन अब उनका कोई रिस्पांस नहीं है।
– प्रेम दुबे, चेयरमैन, जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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