भंवरताल स्केटिंग रिंक में अभ्यास करने वाले स्केटरों के चेहरे इन दिनों खिले नजर आ रहे हैं। उन्हें अब अभ्यास में उत्साह के साथ सुरक्षा का भी आभास हो रहा है। इसका कारण रिंक में सिंथेटिक सतह (कोडिंग) होना है। पांच साल से सौ से ज्यादा खिलाड़ी डामर की सतह पर अभ्यास कर रहे थे। उसमें भी कई जगह गड्डे हो गए थे। कई बार खिलाड़ी गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। अब नगर निगम प्रशासन से मरम्मत के साथ सिंथेटिक सतह लगवा दी है।
यह प्रदेश का इकलौता सिंथेटिक रिंक है। नगर निगम प्रशासन ने वर्ष २०१४ में करीब ५० लाख रुपए की लागत से २०० मीटर वाला यह रिंक तैयार कराया था। बताया जाता है कि कई बार इस काम के लिए टेंडर हुए लेकिन ठेका नियमों के अनुसार पर्याप्त फर्में नहीं आईं थीं।
18 लाख लागत, देखरेख नहीं
हरे रंग के सिंथेटिक सतह का काम नगर निगम के द्वारा करीब १८ लाख रुपए की लागत से कराया गया है। हालांकि अभी इसकी देखरेख का काम शुरू नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि इसकी नियमित साफ-सफाई के अलावा धुलाई होनी चाहिए। अभी सींक की झाडू़ से ही रिंक साफ किया जा रहा है। इससे नुकसान की आशंका है। विशेष कैमीकल से धुलाई भी शुरू नहीं हो सकी है।