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जबलपुर

मध्यप्रदेश की चार राज्यों में बिजली बैंकिंग

– जरूरत पडऩे पर ले सकेंगे वापस- मप्र पावर मैनेजमेंट कम्पनी करती है बिजली की बैंकिंग- प्रदेश में वर्तमान में कुल डिमांड- 9300 मेगावॉट लगभग
जबलपुर.प्रदेश में इन दिनों बिजली की मांग नौ से साढ़े नौ हजार मेगावॉट प्रतिदिन है, जबकि प्रदेश के पास बिजली की उपलब्धता ढ़ाई हजार मेगावॉट से अधिक है। यही कारण है कि सप्लाई के बाद प्रदेश में बच रही बिजली की चार प्रदेशों में बैंकिंग की जा रही है।
 

जबलपुरAug 06, 2022 / 01:43 am

Rajendra Gaharwar

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वर्तमान में एक से डेढ़ हजार मेगावॉट की बैंकिंग की जा रही है, जो आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। बैकिंग की गई बिजली को रबी सीजन में वापस लिया जाता है। आवश्यकता पडऩे पर इसे शेड्यूल के पहले भी वापस लिया जा सकता है। जानकारों की माने तो बारिश बढऩे के साथ ही बैकिंग का ग्राफ भी बढ़ाया जाएगा।
इसलिए करते हैं बैंकिंग

बारिश में प्रदेश के जल विद्युत गृहों से बिजली के उत्पादन का ग्राफ बढ़ जाता है। वहीं जल विद्युत गृहों से भी लगातार उत्पादन होता है। इसके अलावा अन्य उपक्रमों से भी प्रदेश को भरपूर बिजली मिलती है। जबकि बिजली की डिमांड इन दिनों कम रहती है। इसीलिए अतिरिक्त बिजली की बैंकिंग की जाती है।

जहां बैंकिंग, वहां से उधार भी मिल जाती है बिजली

बिजली की बैंकिंग रबी सीजन के लिए की जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यदि बैंकिंग की गई बिजली समाप्त हो जाए, तो सम्बंधित राज्य उधार में भी बिजली दे देता है। हालांकि यह उधार ली गई बिजली नियत समय में वापस करनी होती है।
दो हजार मेगावॉट तक मिली
जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में रबी सीजन के दौरान प्रदेश में बिजली की मांग ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। उस दौरान प्रतिदिन दो हजार मेगावॉट बैकिंग की गई बिजली वापस ली गई थी।
प्रदेश में अतिरिक्त बिजली- 2600 मेगावॉट लगभग

वर्ष 2020 में की गई थी बैंकिंग- 417 करोड यूनिट
वर्ष 2021 में की गई थी बैंकिंग- 400 करोड़ यूनिट लगभग

वर्ष 2022 में बैकिंग का प्रयास- 450 करोड़ यूनिट लगभग
बैंकिंग का गणित
– 400 करोड़ रुपए सालाना होते हैं खर्च
– 1.25 रुपए प्रति यूनिट खर्च होते हैं वापस लेने पर

– 04-06 रुपए प्रति यूनिट है बिजली खरीदी की दर

यहां की जाती हैं बैंकिंग- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़
बैकिंग की जाती है- मार्च से अक्टूबर
प्रदेश में अतिरिक्त बिजली- 2600 मेगावॉट लगभग
वर्ष 2020 में की गई थी बैंकिंग- 417 करोड यूनिट
वर्ष 2021 में की गई थी बैंकिंग- 400 करोड़ यूनिट लगभग

वर्ष 2022 में बैकिंग का प्रयास- 450 करोड़ यूनिट लगभग
बैंकिंग का गणित

– 400 करोड़ रुपए सालाना होते हैं खर्च
– 1.25 रुपए प्रति यूनिट खर्च होते हैं वापस लेने पर
– 04-06 रुपए प्रति यूनिट है बिजली खरीदी की दर

यहां की जाती हैं बैंकिंग- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और छत्तीसगढ़
बैकिंग की जाती है- मार्च से अक्टूबर

वापस ली जाती है- नवम्बर से फरवरी

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