नई प्याज की कीमत 70 से 90 रुपए के बीच बनी हुई है। पुरानी के भाव 150 से 170 के बीच हैं। बरसात में प्रमुख सब्जियों के दाम 30 से 40 रुपए किलो के बीच रहे। अभी भी पालक, लाल भाजी, लौकी, कुम्हड़ा, भटा जैसी सब्जियों को छोड़कर बाकी की कीमत पहले से ज्यादा हो गई है। अदरक और लहसुन की कीमत भी नीचे नहीं आईं। यह क्रमश: 80-90 और 150 से 200 रुपए किलो के बीच है। यही हाल शक्कर और अनाज का है। नई उपज आने के बाद भी चावल की कीमत ज्यादा बनी हुई है। तेल की कीमत में भी तेजी आई है। सोयाबीन तेल 3 से 4 रुपए महंगा हुआ है। इसी प्रकार सरसो और मूंगफली तेल में भी पहले से ज्यादा महंगा मिल रहा है।
भाड़े पर हुआ है असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेज होने का असर वाहनों के भाड़े पर पड़ा है। गुपचुप तरीक से इन्हें बढ़ा दिया गया है। ऐस में माल की कीमत भी तेज हो गई हैं। जानकारों का कहना है कि जबलपुर में बाहर से आने वाले वाहनों से ज्यादा राज्य के अंदर संचालित लोडिंग वाहनों का भाड़ा ज्यादा हो गया है। मप्र में दूसरे राज्यों की तुलना में ईंधन महंगा है। इसलिए वह व्यापारियों से बढ़कर किराया लेते है। व्यापारी भी इस कीमत को वस्तुओं में समाहित कर देता है। वहीं दूसरे राज्यों में पेट्रोल और डीजल दोनों ही अपेक्षाकृत सस्ते हैं। इसलिए उनका भाड़ा ज्यादा नहीं बढ़ा है।