scripthealth alert टीबी मुक्त भारत पर बड़ा खुलासा, सरकार की मंशा पर फिर सकता है पानी | health alert: Tuberculosis Causes, symptoms, and treatments facts | Patrika News
जबलपुर

health alert टीबी मुक्त भारत पर बड़ा खुलासा, सरकार की मंशा पर फिर सकता है पानी

टीबी मुक्त भारत पर बड़ा खुलासा, सरकार की मंशा पर फिर सकता है पानी

जबलपुरJan 19, 2019 / 11:03 am

Lalit kostha

health alert

health alert

जबलपुर. वर्ष 2025 तक राष्ट्र को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम पर निजी अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब की मनमानी भारी पड़ सकती है। सरकार ने टीबी के हर मरीज की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देना अनिवार्य किया है, लेकिन कई चिकित्सक टीबी मरीजों का गुपचुप इलाज कर रहे हैं। यह अंदेशा बीते वर्ष जिले में दर्ज टीबी मरीजों के आंकड़ों से हो रहा है। वर्ष 2018 में सरकारी अस्पतालों और आंगनबाडिय़ों के जरिए करीब साढ़े चार हजार टीबी मरीज पंजीकृत किए गए हैंं।

news facts-

प्राइवेट क्लीनिक और पैथोलॉजी संचालक छिपा रहे टीबी मरीज
सरकारी रेकॉर्ड में साढ़े चार हजार मरीज, निजी को मिले सिर्फ 848
टीबी मुक्त राष्ट्र बनाने की मुहिम पर भारी पड़ सकती है मनमानी

इस अवधि में निजी अस्पताल और पैथोलॉजी के मार्फत दर्ज टीबी मरीजों की संख्या महज 848 है। इस आंकड़े से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। सरकारी अस्पतालों में टीबी मरीज का उपचार नि:शुल्क है। इसकी दवा बाजार में अपेक्षाकृत कई गुना महंगी है। कमाई के खेल में चिकित्सक, पैथोलॉजी से लेकर दवा दुकानदारों का गठजोड़ काम कर रहा है। इसमें मोटे कमीशन के लालच के जानकारी छिपा रहे हैं। सम्भ्रांत परिवारों से जुड़े मरीज भी गुपचुप निजी क्लीनिक और लैब में जांच करा रहे हैं।

बाजार में धड़ल्ले से बिक रही दवा
स्वास्थ्य विभाग ने निजी क्षेत्र से टीबी मरीजों की कम संख्या मिलने पर गुपचुप जांच कराई है। सूत्रों के अनुसार निजी क्षेत्र के पंजीकृत मरीजों के मुकाबले बाजार में टीबी की दवा अधिक बिकने की जानकारी मिली है। रेकॉर्ड डाटा से अलग कुछ मरीजों के पास चिकित्सक के सील लगे पर्चे से दुकान से टीबी की दवा खरीदे जाने की बात सामने आई है। एक्स-रे संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। इन्हें चिन्हित करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग सम्बंधितों का ऑनलाइन रेकॉर्ड खंगाल रहा है।

ये है नियम
ठ्ठ डॉक्टर्स, अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, एक्स-रे और दवा दुकान। इनमें से किसी भी स्तर पर टीबी संक्रमित मिलने पर सम्बंधित को उसकी जानकारी विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य है।
ठ्ठ इनमें से जो व्यक्ति टीबी मरीज की रिपोर्ट करेगा, उसे प्रति मरीज पांच सौ रुपए प्रोत्साहन राशि का शासन भुगतान करेगा। मरीज के पूर्ण स्वस्थ होने पर भी प्रेरक को पांच सौ रुपए मिलेंगे।
ठ्ठ जानबूझकर या धोखे से भी टीबी मरीज की जानकारी छिपाने वाले पर भादंवि की धारा 269 और 270 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। दोषी को अर्थदंड के साथ छह माह का कारावास हो सकता है।


निजी क्लीनिक, लैब की ओर से अपेक्षाकृत कम संख्या में टीबी मरीज की रिपोर्टिंग हो रही है। यह जानकारी छिपाना अपराध है। निजी क्लीनिक में मरीज की विभाग को प्रारम्भिक सूचना दिए बिना उपचार कर रहे हैं तो वह अपराध की श्रेणी में है।
– डॉ. धीरज दवंडे, जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो