याचिका पर सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि मध्य प्रदेश में 3 विधान सभा क्षेत्रों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना हैं, जिसके लिए दिशा निर्देश जारी किया जा चुका है। निर्वाचन आयोग पहले ही हाई कोर्ट में स्पष्ट कर चुका है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका खत्म होने के बाद ही मध्य प्रदेश में चुनाव कराएगा।
बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से निर्वाचन आयोग में कहा गया है कि फेस्टिवल सीजन के बाद ही चुनाव कराए जाएं। इन तमाम तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय संविधान के मुताबिक निर्वाचन आयोग संवैधानिक संस्था है और चुनाव से संबंधित फैसला लेने का अधिकार चुनाव आयोग का है। इस पर हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता।