यह है मामला
भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी सुरेश पचौरी ने चुनाव याचिका में कहा कि विधायक पटवा ने आयोग को दिए गए शपथ-पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी पेश की। 2013 के विधानसभा चुनाव में पटवा ने 1983 में स्नातक होने की जानकारी दी थी। लेकिन इस बार शपथ-पत्र में वर्ष 1984 में स्नातकोत्तर होने की जानकारी दी। जबकि एक साल में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करना असंभव है। बैंक की बकाया राशि के बारे में भी गलत जानकारी प्रस्तुत की गई। कई मतदान केन्द्रों में ईवीएम और वीवीपेट की मतगणना में अंतर पाए जाने की शिकायत की गई। लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। अधिवक्ता अमित सिंह व अतुल जैन ने एक वीडियो भी पेश किया। इसमेंं भाजपा प्रत्याशी लोगों से 10-10 वोट डालने को कह रहे है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी किए।