यह है मामला
मालवीय चौक जबलपुर स्थित प्रतिष्ठान करण शूज के संचालक नीरज मक्कड़ व अन्य ने हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर करके जेएमएफसी कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। जेएमएफसी कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ भादंवि की धारा-420 सहित अन्य के तहत आपराधिक केस दर्ज करने का आदेश दिया था। शिकायतकर्ता अधिवक्ता आशीष पाण्डेय ने तर्क दिया कि वह मालवीय चौक स्थित करण शूज में चप्पल खरीदने गया था। उसे सॉफ्टी कंपनी की चप्पल 750 रुपए अंकित मूल्य के आधार पर कंशेसन के तहत 740 रुपए में दी गई। लेकिन जब उन्होंने रेट की स्लिप हटाई तो उसके नीचे 499 रुपए एमआरपी दर्ज थी।
जेएमएफसी कोर्ट ने दिया था प्रकरण दर्ज करने का आदेश
उन्होंने इसकी शिकायत पहले पुलिस में की। कोई सुनवाई न होने पर जिला अदालत में परिवाद दायर किया गया। इस पर जेएमएफसी कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर प्रकरण दर्ज करने का आदेश दे दिया। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दी कि इस तरह के मामले में केवल उपभोक्ता फोरम में ही सेवा में कमी के रवैये को चुनौती देने का उपचार सीमित नहीं है, आपराधिक धोखाधड़ी के खिलाफ कम्पलेंट केस का विकल्प भी उचित है।