University द्वारका प्रसाद मिश्र केंद्रीय लाइब्रेरी का हाल-बेहाल
यूजीसी से भी मिलती है राशिशिक्षण विभागों की अन्य सामग्रियों को भी जोड़ लिया जाए तो करीब 20 से 25 लाख रुपए की चपत हाल ही के वर्षों में दीमक के चलते विवि को अब तक लग चुकी है। जबकि लाइब्रेरी को सुव्यवस्थित रखने के लिए यूजीसी से अच्छी खासी रकम मिलती है। इसके बावजूद न तो लाइब्रेरी की सफाई होती है और न ही उनके जिल्द बले जाते हैं।
द्वारिका प्रसाद मिश्र केंद्रीय लाइब्रेरी की तरह ही अन्य शिक्षण विभाग की लाइब्रेरी का भी यही हाल है। रसीद बुक, परीक्षा सामग्री, आवश्यक फाइल, कैश बुक तक दीमक के कारण खराब हो चुकी है। बायोसाइंस विभाग, हिस्ट्री, भूगोल आदि विभागों के फर्नीचर और दरवाजों को दीमक चट कर चुके हैं। विभाग प्रमुख सामग्री को बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, इसके बावजूद हालात जस के तस हैं।
लाइब्रेरी के व्यवस्थित संचालन के लिए 18 कर्मचारियों की तैनाती की गई है, लेकिन केवल 6 कर्मचारी ही यहां पदस्थ हैँ। अन्य कर्मचारी अधिकारियों से मिलीभगत कर दूसरे विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। इससे साफ-सफाई जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।