बता दें कि ये वही मूर्तिकार हैं जो कोरोना और लॉकडाउन के चलते टूट चुके थे। लगातार बंदी के कारण इनकी कला को ग्राहक नहीं मिल रहे थे। यहां तक कि गणेश पूजा के समय भी इनका माल नहीं बिका। अनुमति ही नहीं मिली। दुर्गापूजा के दौरान भी बड़ी व ऊंची मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध था। ऐसे में अब कलेक्टर की पहल से इनके दुर्दिन दूर होंगे। ऐसी उम्मीद की जा रही है।
बता दें कि कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिले के मूर्तिकारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की पहल की है। इसके तहत उन्होंने मूर्तिकारों के साथ ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन से अनुबंध कराया। कलेक्टर भेड़ाघाट पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने यहां के मूर्ति बाजार को देखा। मूर्तिकारों के बनाई मूर्तियों को देख वे चकित रह गए। बोले की ऐसी सुंदर मूर्तियां किसी का भी मन मोह सकती हैं। इसके पश्चात उन्होंने स्थानीय मूर्तिकारों संग चर्चा की और ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़ने की सलाह दी। कलेक्टर शर्मा के अनुसार मुताबिक डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से जबलपुर की शिल्प कला को देश विदेश में पहचान मिलेगी। साथ ही यहां की मूर्ति को लोग घर बैठे देश-विदेश में कहीं भी आसानी से मंगा सकेंगे।
अब तो उद्योग विभाग के अधिकारी और अमेजन की स्थानीय फ्रेंचाइजी टीम के यासिर अहम भी भेड़ाघाट जा कर मूर्तिकारों से मिल चुके हैं। इनकी पहल से विभिन्न मूर्तिकारों का अमेजन में रजिस्ट्रेशन हो चुका है। रजिस्ट्रेशन कराने वाली फर्म लकी मार्बल आर्ट, जयपुर मार्बल, ब्रज आर्ट, कल्पना आर्ट, तिवारी आर्ट हैं। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक देवव्रत मिश्रा के अनुसार अमेजन की टीम के प्रमुख यासिर अहमद, अगले तीन माह तक मूर्तिकारों का प्रशिक्षण कराएंगे। इसके बाद शिल्पियों और व्यावसाईयों को डिजिटल मार्केटिंग से जोड़ा जाएगा। इससे नए रोजगार पैदा होने के साथ ही भेड़ाघाट के प्रसिद्ध मार्बल उद्योग को अंतराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।