जबलपुर

OMG! छांव के नीचे जिंदगी गुजारने के लिए पेड़ के आस-पास बना लिया घर

घर बनाने के लिए अगर आप काटते हैं पेड़, तो इस परिवार से लीजिए सीख

जबलपुरJun 04, 2019 / 05:51 pm

Pawan Tiwari

जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में बने इस घर को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। जहां आज की तारीख में लोग घर बनाने के लिए पेड़ काट देते हैं, वहीं इस परिवार ने पेड़ के आस-पास ही अपना आशियाना बना लिया। साथ ही पेड़ को नुकसान भी नहीं पहुंचा। परिवार के सदस्य बताते हैं कि यह हमारे पिताजी की इच्छा थी।
 

जबलपुर शहर के संस्कारधानी में बने इस घर को मोतीलाल केशरवानी ने बनाया है। अब वे इस दुनिया में तो नहीं है लेकिन उनका घर खूब फेमस है। उन्हें पेड़-पौधों से काफी लगाव था। घरवालों के समाने हमेशा यह जिक्र करते थे कि उनकी जिंदगी पेड़ की छांव में ही गुजरे, इसलिए वर्षों पुराने बरगद के पेड़ के आस-पास उन्होंने अपना आशियाना बनवा लिया।
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घर के नीचे मंदिर
केशरवानी परिवार का यह घर पूरे शहर में चर्चित है। इस घर के नीचे मंदिर भी है, जहां लोग दूर-दूर से पूजा करने आते हैं। अब बरगद का यह पेड़ भी घर का हिस्सा हो गया है। घर को बनाने के लिए पेड़ के किसी भी हिस्से का नुकसान नहीं पहुंचाया गया। यही वजह है कि डाइनिंग रूम से लेकर कमरे तक में पेड़ का कोई न कोन तना आपको नजर आएगा।
 

बेटी ने क्या कहा
मोतीलाल केशरवानी की बेटी अल्पना ने कहा कि मेरे पिता की इच्छा थी कि उनकी जिंदगी पेड़ के छांव में गुजरे। इसीलिए उन्होंने पेड़ के आस-पास अपना घरौंदा बना लिया। अब वो इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उन्होंने दुनिया के सामने जो तस्वीर छोड़ी हैं, उसमें सबके लिए एक सीख है। वहीं, अल्पना ने कहा कि कई लोगों ने कहा कि इसके ऊपर भी फ्लोर बन जाएगा लेकिन हमलोगों ने मना कर दिया कि हमें छांव में ही रहना है।
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jabalpur house tree
 

बहू ने क्या कहा
मोतीलाल केशरवानी की बहू ने कहा कि हमारे ससुर जी की बहुत इच्छी थी कि वो छांव में रहें। उन्हें कई लोगों ने आकर कहा कि पेड़ को हटा दीजिए, इसमें पानी आएगा। लेकिन उन्होंने कहा कि वृक्ष का बिना नुकसान पहुंचाएं ही घर बनाएंगे और उन्होंने ऐसे ही बनाया।
jabalpur house tree
 

पूर्वजों का था यहां कच्चा मकान
मोतीलाल केशरवानी के बेटे ने कहा कि पहले इस स्थान पर हमारे पूर्वजों का कच्चा मकान था। हमारे पिता जी पर्यावरण प्रेमी रहे हैं, साथ ही समाजिक दृष्टिकोण से भी काफी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण को बचाने लेने के लिए लोगों संदेश दिया है कि कैसे पेड़ को बचाते हुए हम अपना घर बना सकते हैं। मोतीलाल केशरवानी के बेटे ने बताया कि इस घर को बने हुए 27 साल हो गए हैं लेकिन हमलोगों को कभी किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई है।
jabalpur house tree
 

केशरवानी के बेटे ने कहा कि ऐसे भी पीपल के पेड़ पर भगवान का वास होता है। हमलोगों इसलिए पूज-पाठ भी करते हैं। हमारे पिताजी ने ऐसे कई पेड़ लगाए हैं। जिसका फल आज हमलोगों को प्राप्त हो रहा है।
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लें सीख
जाहिर आज जिस तरीके से लोग अपने घर के लिए पेड़ों को काट रहे हैं, उन्हें इस परिवार से सीख लेने की जरूरत है कि कैसे बिना पेड़ काटे घर को बनाया जा सकता है। साथ ही इस तपिश भरी गर्मी में आप ठंडी हवाओं का भी आनंद उठा सकते हैं।

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