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यह है मामला-
सीधी जिले के शशांक द्विवेदी सहित विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में कार्यरत करीब दो सौ अतिथि शिक्षकों की ओर से याचिकाएं दायर कर कहा गया कि वे पिछले कई सालों से इन स्कूलों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं।
नियमित नियुक्ति होने तक करने दो काम
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता बृंदावन तिवारी, शशांक शेखर, सत्येंद्र ज्योतिषी ने हाईकोर्ट की युगलपीठ व सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस संबंध में दिए गए निर्णय का हवाला दिया। तर्क दिया गया कि अस्थाई कर्मियों को दूसरे अस्थाई कर्मियों से बदलना गैरकानूनी है। आग्रह किया गया कि जब तक बीते सत्र में कार्यरत अतिथि शिक्षकों की जगह नियमित शिक्षकों की नियुक्ति न कर दी जाए, उन्हें पूर्ववत कार्य करने दिया जाए। 7 जुलाई के विज्ञापन व इसके संबंध में की गई प्रक्रिया निरस्त की जाए। सरकार की ओर से इसे प्रशासनिक निर्णय बताते हुए याचिका का विरोध किया गया।
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