अब वन विभाग की टीम ने सेना के जवानों से मिली जानकारी के मुताबिक एमइएस कैंपस के जर्जर आवास और उसके आस-पास अपना जाल बिछाया है। हालांकि फिलहाल उस क्षेत्र में किसी वन्यजीव के पद चिन्ह नहीं मिले ना ही ऐसा कोई साक्ष्य मिला जिसके आधार पर ये प्रमाणित हो कि वहां तेंदुआ अथवा कोई अन्य वन्य जीव आया रहा। फिर भी वनकर्मी ये मान कर पड़ताल जारी रखे हैं कि हो सकता है,वेटरनरी कॉलेज कैंपस की स्माल एनिमल रिसर्च लैब के पास देखा गया तेंदुआ जो 3-4 दिनों से गायब है, जो एमइएस तक आ गया हो।
ये भी पढें- तेंदुए की तलाश जारी, वन्यजीव विशेषज्ञो ने कहा जल्द पकड़ा जाएगा कयास लगाया जा रहा है कि मिलट्री हॉस्पिटल के पीछे गोराबाजार तिराहे के पास स्थित एमइएस कैंपस और वेटरनरी कॉलेज के बीच करीब दो किलोमीटर का फासला है। यह तेंदुआ वेटरनरी कॉलेज कैंपस से आर्मी क्वार्टर, कोबरा ग्राउंड, डिफेंस सिनेमा होते एमइएस कैंपस पहुंच सकता है। ऐसे में वनकर्मियों ने एमइएस कैंपस के सैन्य परिवारों की सुरक्षा के लिए आर्मी कैंपस और आस-पास के क्षेत्र में नियमित गश्त जारी रखने की बात कही है।
ये भी पढें- वेटनरी कॉलेज परिसर में तेंदुआ आने की पुष्टि वैसे पुराने लोगों का कहना है कि तकरीबन तीन दशक पहले तक शहर के आस-पास के इलाकों मसलन खमरिया, पिपरिया, डुमना, सीएमएम, सिविल लाइन, कजरवारा, गोराबाजार, बिलहरी, तिलहरी, भटौली, रामपुर, बरगी हिल्स क्षेत्र तेंदुआ कॉरिडोर के रूप में जाना जाता रहा है। ऐसे में शहरी आबादी में विस्तार के बाद भी वन्यजीव यदा-कदा कॉरिडोर क्षेत्र में विचरण करता दिखाई देता है।
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“पुलिस कंट्रोल रूम से एमइएस कैंपस में तेंदुआ देखे जाने की खबर मिली है। रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया, जो सैन्य जवानों के बताए अनुसार जर्जर मकान और आस-पास के क्षेत्र में वन्यजीव की मौजूदगी के प्रमाण खोज रही है।- पीएल बरकड़े, रेंजर जबलपुर, वन विभाग
“पुलिस कंट्रोल रूम से एमइएस कैंपस में तेंदुआ देखे जाने की खबर मिली है। रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया, जो सैन्य जवानों के बताए अनुसार जर्जर मकान और आस-पास के क्षेत्र में वन्यजीव की मौजूदगी के प्रमाण खोज रही है।- पीएल बरकड़े, रेंजर जबलपुर, वन विभाग