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जननी एक्सप्रेस एक्सीडेंट का दर्द : दो बेटियों के बाद थी बेटे की चाह, मां की मौत के बाद पेट में बेटा ही था

सड़क हादसे की दर्दनाक कहानी…।

जबलपुरOct 28, 2021 / 06:50 pm

Faiz

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जननी एक्सप्रेस एक्सीडेंट का दर्द : दो बेटियों के बाद थी बेटे की चाह, मां की मौत के बाद पेट में बेटा ही था

जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में जननी एक्सप्रेस हादसे में दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। हादसे में जान गवाने वाली गर्भवती महिला की पहले से दो बेटियां थीं। खासतौर पर मां और परिवार को इस बार बेटे की आस थी। लेकिन, इस हादसे ने उस आने वाली किलकारी को कोख में ही खामोश कर दिया। मृतक रेखा का गर्भस्थ शिशु दम तोड़ चुका था। उसका एक हाथ बाहर निकल आया था और पूरा शरीर अंदर फंसा था। हादसे के बाद रेखा कोमा में चली गई थी। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। परिवार को एक और झटका उस समय लगा, जब पोस्टमॉर्टम हाउस से खबर मिली कि, कोख में पलने वाला शिशु बेटा ही था।


बता दें कि जबलपुर के पनागर एनएच-30 पर रूद्राक्ष ढाबा के सामने बुधवार रात 12 बजे के बाद भीषण सड़क हादसे में पांच लोगों गर्भवति मां और उसके शिशु समेत पांच लोगों की मौत हो गई। दरअसल, रोड पर एक खराब ट्रक खड़ा था, वहीं पीछे से आ रही तेज रफ्तार जननी एक्सप्रेस खड़े ट्रक में जा घुसी। हादसे में जननी एक्सप्रेस में सवार गर्भवति महिला रेखा, उसका छोटा भाई सिपाही लाल, देवरानी राजकली, ड्राइवर के दोस्त घन्नू यादव की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे का शिकार हुई रेखा कोमा में चली गई थी, जिसे तत्काल इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।

 

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दो बेटियों के बाद थी बेटे की चाह

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बता दें कि, हादसे का शिकार होकर जान गंवाने वाली गर्भवति महिला रेखा बाई की दो बेटियां अंजू (05) और अंजनी (03) पहले से हैं। बुधवार सुबह नौ बजे उसे पेन चालू हुआ था। पति राजकुमार, सास गीता बाई और देवरानी पनिया उर्फ राजकली उसे लेकर पहले बरही और फिर वहां से कटनी जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां रात करीब 10 बजे उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन, अस्पताल पहुंचने से पहले ही ये हादसा हो गया।

 

शरीर फंस गया था

हादसे में रेखा के गर्भस्थ शिशु ने भी दम तोड़ दिया था। चिकित्सकों की मानें तो, मां के शरीर से उसका एक हाथ बाहर निकल आया था, जबकि पूरा शरीर अंदर ही फंसा था। सिर में गंभीर चोट आने के कारण रेखा कोमा में चली गई थी। इसके अलाव, उसके शरीर में कई फ्रैक्चर भी थे। चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद रेखा को बचाया नहीं जा सका।

 

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चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद महिला की नहीं बच सकी जान

बुधवार 27 अक्टूबर की देर रात 2 बजे के बाद रेखा को गंभीर घायल अवस्था में मेडिकल कॉलेज लाया गया था। कॉलेज के उप-अधीक्षक डॉक्टर अरविंद शर्मा ने बताया कि, रेखा ने 28 अक्टूबर की सुबह 5 बजे के बाद दम तोड़ा है। उसे जब लाया गया था तो कैजुअल्टी के डॉक्टरों की सूचना पर तुरंत न्यूरो सर्जन, आर्थोपेडिक, ईएनटी, गायनिक के विशेषज्ञों ने मोर्चा संभाल लिया था। लेकिन, चिकितस्कों की तमाम कोशिशों के बावजूद महिला को नहीं बचाया जा सका। जबकि, उसका शिशु हादसे की चपेट में आने से ही दम तोड़ चुका था।


खबर सुनते ही बोखला उठा भाई

घटना की जानकारी लगते ही पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा मृतका राजकली के पति सुखसेन कोल ने कहा, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। भाई राजकुमार और मां मेडिकल में भर्ती हैं। यहां पत्नी और भाभी के शव पड़े हैं। उनके बच्चे की मौत ने अलग झकझोर दिया है। रात दो बजे फोन आया तो मैंने उत्साह के साथ ये सोचते हुए उठाया कि, जरूर खुशखबरी आई होगी, लेकिन पनागर पुलिस ने हादसे का बताया तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। मृतका रेखा के पति राजकुमार का पैर फ्रैक्चर है। वहीं, सास गीता बाई को सिर में गंभीर चोटें आई हैं।

 

यहां जमीन उगल रही है आग – देखें Video

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