पुलिस जवान नहीं बताते सही लोकेशन, नजर नहीं आती गश्त, पूर्व में पकड़े गए मनचलों का मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं
जबलपुर. पुलिस के पास न तो शोहदों व मनचलों को ट्रैस करने का कोई सिस्टम हैं और न ही अपने जवानों का। शायद यही कारण है कि बीट पर पहुंचने के बाद पुलिस के जवान पुलिस कंट्रोल रूम को मनमानी लोकेशन दर्ज कराते हैं। कभी ये जवान किसी चाय-पान के ठेले पर नजर आते हैं तो कभी बातचीत में मशगूल रहते हैं। उनकी इस लापरवाही का फायदा उठाकर शोहदे सरेराह छेड़खानी आदि करते हैं।
नहीं होती नियमित गश्त
पुलिस जवानों को बीट पर जाने से पहले पुलिस कंट्रोल रूम में आमद दर्ज करानी पड़ती है। यहां आमद कराने के बाद बीट पर पहुंचते तो हैं। ट्रैकिंग सिस्टम न होने के कारण नियमित व सख्त गश्त नहीं की जाती। इन्हीं जवानों को थाने के अन्य कार्य फरार आरोपित को पकडऩे, वारंट तामीली आदि काम भी थमा दिए जाते हैं।
इन इलाकों में ज्यादा घटनाएं – सिविक सेंटर, होम साइंस कॉलेज रोड, भंवरताल उद्यान के आस-पास, महाकौशल तिराहे से रादुविवि मार्ग और सदर।
थाने जाएं या एफआरवी बुलाएं
कुछ साल पहले तक प्रत्येक बीट में बीट प्रभारी और जवान के नाम और नंबर के साथ बीट क्षेत्र का विवरण लिखा जाता था। धीरे-धीरे यह परम्परा समाप्त हो गई। ऐसे में छींटाकशी या छेड़छाड़ का शिकार होने वाली युवती को या तो सीधे थाने जाना पड़ता है या फिर एफआरवी को बुलाना पड़ता है।
Home / Jabalpur / Police lie to IPS आईपीएस से खुलेआम झूठ बोलते हैं यहां पुलिस वाले, ऐसे हुआ खुलासा