वैसे यह प्रकरण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कांग्रेस ने इसे लेकर बीजेपी को आदिवासी विरोधी करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने सवाल किया है कि सीएम शिवराज चौहान की पुलिस आदिवासी मंत्री का बार-बार अपमान क्यों कर रही है? उन्होंने कहा कि इससे पहले मंत्री विजय शाह को राजधानी भोपाल में राजभवन जाने से रोक दिया गया था। यह वाकई अजीबोगरीब घटना है कि कार्यक्रम के दौरान अमित शाह और सीएम शिवराज ने आदिवासियों के लिए बड़ी-बड़ी बातें की। अपनी पार्टी को आदिवासियों का सबसे बड़ा हितैषी बताने का प्रयास किया। पर आदिवासी राजा के बलिदान दिवस कार्यक्रम में जाने से आदिवासी समाज के मंत्री को रोक दिया गया।
ये भी पढें- पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री और BJP पर लगाएं गंभीर आरोप, जानें क्या कहा…. बता दें कि गोंडवाना सम्राज्य के आदिवासी राजा शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह के 164 वें बलिदान दिवस पर सनिवा को जबलपुर में बीजेपी ने भाव्य कार्यक्रम आयोजित किया था। लेकिन आदिवासियों के सम्मान के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी नेता व प्रदेश सरकार के वन मंत्री विजय शाह को ही जाने से रोक दिया गया।
जानकारी के अनुसार वन मंत्री कुंवर विजय शाह जब अमर शहीद राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह की प्रतिमा स्थल पर दर्शन करने पहुंचे थे तब गृहमंत्री अमित शाह वहां मौजूद थे। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए प्रतिमा स्थल तक जाने से रोक दिया। इसपर मंत्री बिफर गए और पुलिस अधिकारियों से उनकी कहासुनी हो गई। वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
ये भी पढें- अमर शहीद शंकरशाह और कुंवर रघुनाथशाह बलिदान दिवस पर रोके गए गोंडवाना समाज में आक्रोश विजय शाह ने इस दौरान कहा कि, ‘हमारे ही पूर्वजों का पूजन करने से हमें रोका जा रहा है। ऐसी व्यवस्था को मैं दूर से ही प्रणाम करता हूं और अपने पुरखों को भी दूर से नमन करता हूं।’ इस दौरान कुछ अधिकारियों ने मंत्री विजय शाह को समझाने की कोशिश भी की लेकिन मंत्री ने कहा भी कि मैं निर्वाचित विधायक हूं और प्रदेश सरकार में मंत्री हूं। फिर भी कार्यक्रम स्थल तक जाने नहीं दिया गया।