बाइक पर भागा कैदी, पकड़ा गया
हाईकोर्ट के सुरक्षा अधिकारी हेमंत तिवारी ने बताया कि शाम करीब ३.०० बजे मॉकड्रिल आयोजित की गई। पूर्वयोजना के तहत एक अपराधी को कोर्ट सजा सुनाकर उसे हिरासत में लेने का आदेश देती है। लेकिन यह सुनकर पहले से भागने की योजना बनाकर आया अपराधी (वेश बदल कर तैनात सुरक्षाकर्मी ) कोर्ट के बगल से होकर वीआईपी गेट की ओर भागता है। कुछ दूरी पर उसके साथी मोटर साइकिल लेकर खड़े थे, जिन्होंने उसे बाइक पर बैठा लिया। इसके बाद वे एल्गिन अस्पताल की ओर बाइक लेकर बढ़े। तत्काल इसकी सूचना कंट्रोल को देते हुए अपराधियों का सुरक्षा दस्ते ने पीछा किया। चंद क दमों की दूरी पर ही भाग रहे अपराधियों को स्टॉपर के जरिए रोककर घेर लिया गया और सरेंडर करने पर विवश कर दिया गया।
ऐसे किया बमों का डिस्पोजल
मॉकड्रिल के बाद उपस्थित हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन व रजिस्ट्रार जनरल आरके वानी को बम डिस्पेाजल स्क्वाड की कार्रवाई दिखाई गई। संदिग्ध सूटकेस को डिफ्यूज करने के लिए एसडीआरएफ के एक जवान ने विशेष तरह की विस्फोटक व बमरोधी ड्रेस पहनकर पहले सूटकेस के दोनो ओर सेंसर लगे हुए छोटे बक्से रखे। फिर दोनों बक्सों को उठाकर उनके सेंसर कम्प्यूटर से कनेक्ट करते ही उसके स्क्रीन पर सूटकेस में विस्फोटक होने की पुष्टि हो गई। इसी जवान ने एक विशेष स्टिक के जरिए संदिग्ध सूटकेस को बम डिस्पोजल स्क्वाड की गाड़ी में निष्क्रिय करने के लिए डंप कर दिया, जहां उसे डिफ्यूज किया गया।
उपकरणोंं, औजारों का प्रदर्शन
इसके बाद उपस्थित अधिकारियों को एसडीआरएफ द्वारा आपदा के समय प्रयुक्त किए जाने वाले विशेष उपकरणोंं, औजारों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक कटर , हैमर ड्रिल मशीन (यह बड़ी चट्टानों, दीवारों को तोडऩे में काम आती है ) के काम करने का तरीका दिखाया गया। इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम ने इमर्जेंसी लाइट टॉवर, ऑक्सीजन सेट व इमर्जेंसी उपकरणों से युक्त हर जगह काम कर सकने की क्षमता वाले जवानों व अन्य अत्याधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन किया। मॉकडिल के दौरान हाईकोर्ट कर्मी व बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।