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जबलपुर

छुट्टन ने किए चौंकाने वाले कारनामे, महिला संग मिलकर अधिकारी को भी फंसाया

आइसक्रीम पार्लर संचालक को ब्लैकमेल कर दो लाख मांगने के दोनों आरोपी अब तक फरार

जबलपुरJan 20, 2019 / 01:45 am

shyam bihari

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41 महिलाओं की फर्जी आईडी लगा कर कंपनी से सवा 10 लाख रूपये ले फरार हुआ फील्ड आफिसर

जबलपुर। धनवंतरी नगर पार्ट-टू के रूप में सामने आए घमापुर के प्रकरण में रोज नई जानकारियां सामने आ रही हैं। महिला के साथ मिलकर ब्लैकमेलिंग का धंधा चला रहे फर्जी पत्रकार ओमप्रकाश उर्फ छुट्टन रजक के कारनामें एक-एक कर सामने आ रहे हैं। दोनों ने पुलिस कर्मी घनश्याम दास के साथ मिलकर जिले के एक बड़े अधिकारी को भी अपना शिकार बनाया था। उक्त अधिकारी से सात लाख रुपए वसूले थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो साल पहले उनके चंगुल में फंसे मेडिकल कर्मी को पांच लाख रुपए देने पड़े थे। ग्वारीघाट के बड़े बिल्डर से भी आठ लाख वसूले हैं। पुलिस सामने आ रहे ऐसे सभी पीडि़तों के बयान भी दर्ज कर रही है। वहीं प्रकरण सामने आने के बाद से फरार आरोपी महिला और छुट्टन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई जगह दबिश देने में जुटी है।
पार्षद का भी चुनाव लड़ चुका
वाला ओमप्रकाश उर्फ छुट्टन रजक के कारनामे नटरवालाल से कम नहीं है। वह नरसिंहपुर तांत्रिक बनकर भी गया था। लोगों को सोना डबल करने का झांसा देकर भी ठग चुका है। उसकी कई बड़े नेताओं से नजदीकी भी रही है। वह पार्षद का चुनाव भी लड़ कर हार चुका है। ओमप्रकाश पुलिस का मुखबिर भी रह चुका है। वह घमापुर थाने के पीछे पुलिस की वॉलीबाल प्रतियोगिता भी करवा चुका है। इसमें एसपी को भी आमंत्रित किया था।
ये है मामला
घमापुर निवासी आइसक्रीम पार्लर संचालक टेकचंद गौतम से नौकरी मांगने के बहाने महिला ने बातचीत की और फिर रूपजाल में फंसाकर अपने फ्लैट पर ले गयी। जहां उसने और ओमप्रकाश ने उसकी आपत्तिजनक वीडियो व फोटो खींच लिया था। वहां घनश्यामदास और एक अन्य पुलिस कर्मी को भी बुलाया था। बाद में ये गैंग टेकचंद से दो लाख की मांग कर रही थी।
धनवंतरी नगर की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में
उधर धनवंतरी नगर में विधानसभा चुनाव के दौरान सामने आए धनवंतरि नगर के हाईप्रोफाइल मामले में भी जांच रिपोर्ट दब गई है। रिपोर्ट को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बयानों में भी विरोधाभाष है। मामले में ब्लैकमेलिंग के शिकार बने एसडीएम और तहसीलदार बहाल हो चुके है। वहीं महिला थाने के दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है। वहीं फर्जी पत्रकारों सहित अन्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। मामले की जांच करने वाले एएसपी संजीव उईके का कहना है कि उन्होंने जांच रिपोर्ट एसपी को रिपोर्ट दे दी थी। रिपोर्ट में एक-एक व्यक्ति की भूमिका और संलिप्तता के बारे में जानकारी थी।

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