कौन हैं मधुकर
जबलपुर नेपियर टाउन स्थित दत्त एवेन्यु में सादगीयुक्त जीवन बिता रहे 71 वर्षीय डॉ. मधुकर ढीमरखेडा़ के समीप बरही गांव के रहने वाले हैं। जबलपुर में सिंचाई विभाग में इंजीनियर के रुप में सेवाएं देने के बाद सन 2006 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी पत्नी वंदना ने 2015 में दुनिया को अलविदा कह दिया। दो बेटे हैं और दोनों बड़ी नौकरियों में व शहर से बाहर हैं। मधुकर यहां अकेले रहते हैं। संगीत को ही उन्होंने अपना साथी चुन लिया है।
जबलपुर नेपियर टाउन स्थित दत्त एवेन्यु में सादगीयुक्त जीवन बिता रहे 71 वर्षीय डॉ. मधुकर ढीमरखेडा़ के समीप बरही गांव के रहने वाले हैं। जबलपुर में सिंचाई विभाग में इंजीनियर के रुप में सेवाएं देने के बाद सन 2006 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी पत्नी वंदना ने 2015 में दुनिया को अलविदा कह दिया। दो बेटे हैं और दोनों बड़ी नौकरियों में व शहर से बाहर हैं। मधुकर यहां अकेले रहते हैं। संगीत को ही उन्होंने अपना साथी चुन लिया है।
लिखे कई गीत
मधुकर के नाम से ख्यात उदयभानु तिवारी ने कई गीत लिखे हैं। इन गीतों पर उन्हें राष्ट्रीय मंचों पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। अपने भजन, स्तुतियां, गीता-मानस साहित्य के साथ, भागवत के अवतारों पर आधारित दोहे भी लिखे हैं। मधुकर ने बताया कि वे सन 1965 से लिख रहे हैं। मिलनसार, मृदुभाषी, अलमस्त और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी मधुकर ने अपना शेष जीवन संगीत और रचनाओं को ही समर्पित कर दिया है। उन्होंने गणतंत्र दिवस के लिए बेहद सम्मोहक गीत लिखा है। वीडियो में आप भी डॉ. मधुकर की आवाज से अभिभूत हुए बिना नहीं रहेंगे –
मधुकर के नाम से ख्यात उदयभानु तिवारी ने कई गीत लिखे हैं। इन गीतों पर उन्हें राष्ट्रीय मंचों पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। अपने भजन, स्तुतियां, गीता-मानस साहित्य के साथ, भागवत के अवतारों पर आधारित दोहे भी लिखे हैं। मधुकर ने बताया कि वे सन 1965 से लिख रहे हैं। मिलनसार, मृदुभाषी, अलमस्त और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी मधुकर ने अपना शेष जीवन संगीत और रचनाओं को ही समर्पित कर दिया है। उन्होंने गणतंत्र दिवस के लिए बेहद सम्मोहक गीत लिखा है। वीडियो में आप भी डॉ. मधुकर की आवाज से अभिभूत हुए बिना नहीं रहेंगे –