गरीब बहुल क्षेत्र सिंधी कैम्प में दमोह से ननिहाल लाकर ब्याही जाने वाली नाबालिग लडक़ी दुल्हन बनकर तैयार थी। बरेला के देवरी गांव से दूल्हे राजा बारात लेकर उसे ब्याहने वाले थे, लेकि इसकी सूचना महिला बाल विकास विभाग को मिली। मंगलवार दोपहर को टीम सिंधी कैम्प पहुंची। उनके साथ पुलिस भी पहुंची। जैसे ही दोनों विभागों का अमला विवाह स्थल पर पहुंचा तो हडक़ंप मच गया।
नहीं मिला प्रमाण पत्र
विभाग के अधिकारियों ने घरवालों से पूछा कि वह कम उम्र में अपनी बिटिया की शादी क्यों कर रहे हैं। इस पर परिजनों ने पहले तो इस बात से इनकार कर दिया कि लडक़ी नाबालिग है। तब महिला बाल विकास के अधिकारी एवं पुलिस ने उनसे सख्ती से बात की। उनसे कहा गया कि वह लडक़ी के आयु संबंधी दस्तावेज दिखाएं तो वह चले जाएंगे। लेकिन वह ऐसा कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं करवा पाए जिससे उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
बारातियों को भेजा वापिस
विवाह स्थल पर विभागीय अधिकारियों ने पंचनामा बनाकर विवाह को रुकवाया गया। पुलिस ने वर एवं बारातियों को वापिस भेज दिया। उन्हें समझाइस भी दी कि जब तक बच्ची बालिग नहीं हो जाए, तब तक उसका विवाह न करें। हालांकि इस बीच भी विवाद की आशंका बनी रही। पुलिस मामले को सुलझाया। जबर्दस्ती विवाह करने पर कानूनी कार्रवाई की बात कही। इस पर मामला शांत हुआ।
बाल विवाह की सूचना मिली थी। मौके पर अधिकारियों को भेजकर जांच कराई गई। जांच में बच्ची को नाबालिग पाया गया। घरवालों को समझाइस दी गई है कि दोबारा ऐसा प्रयास नहीं करें। पुलिस प्रशासन से भी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।
मनीष शर्मा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी