जबलपुर. नर्मदा तट से तीन सौ मीटर के दायरे में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को जिला प्रशासन के तोडऩे के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी। याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा ने याचिका निरस्त कर दी।
अवैध निर्माण करने वालों को झटका, नहीं मिली राहत नर्मदा किनारे भवन तोडऩे पर रोक की मांग वाली याचिका निरस्तधर्मशाला खाली करने 2 को दिया था नोटिस मंगेली ग्राम पंचायत के सरपंच ने याचिका दायर कर कहा था कि तहसीलदार ने दो मई को नर्मदा तट पर बने दोमंजिला धर्मशाला व गोशाला को खाली करने और तोडऩे का नोटिस जारी किया था। यहां नर्मदा के दक्षिणी ओर मंगेली में एक महंत के करीबियों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर पक्का मकान और टीन शेड की गोशाला बना ली। इसकी खबर लगने पर प्रशासन ने निर्माण नहीं करने की चेतावनी दी और नोटिस जारी किया। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता सरपंच हैं और उक्त निर्माण तोडऩे से कोई हित प्रभावित नहीं हो रहा।
अवैध निर्माण पर जल्द चलेगा बुलडोजर मंगेली तट पर दोमंजिला अवैध मकान और गोशाला को जिला प्रशासन जल्द ही हटाएगा। नर्मदा के 300 मीटर के दायरे में किए गए अतिक्रमण के मामले को पत्रिका ने उजागर किया था। जबलपुर तहसीलदार ने निर्माण को लेकर महंत घनश्याम दास त्यागी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। अतिक्रमण हटाने के लिए समय समय दिया गया था। जबलपुर तहसीलदार पूर्णिमा खंडायत ने आदेश में कहा था कि पटवारी से इस प्रकरण की जांच कराई गई, तो सामने आया कि मंगेली में शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण किया है। तहसीलदार ने कहा कि यह अवैध निर्माण नर्मदा नदी के 300 मीटर के दायरे में किया गया है, जबकि इस पर रोक है। तहसीलदार का कहना है कि अवैध निर्माण जल्द ढहाया जाएगा।
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