मरीजों को वापस लौटना पड़ा
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की मनमानी को लेकर गुरुवार को पत्रिका की टीम ने पड़ताल की। इस दौरान दोपहर १ बजे मेडिसिन ओपीडी में ताला लगा हुआ मिला। वहीं दोपहर 1.30 बजे चर्म एवं यौन रोग ओपीडी में ब्लड सैंपल लेना वाला कोई नहीं था। इससे 8 से 10 मरीजों को वापस लौटना पड़ा। यहां पर मौजूद स्टॉफ नर्स ने जांच के लिए दूसरे दिन आने के लिए कहा। वहीं कुछ मरीजों ने कहा की दूर से आए हैं, दूसरे दिन जांच के लिए आने में काफी दिक्कत होगी, तो स्टाफ नर्स ने कहा कि इससे मुझे कोई मतलब नहीं है। इलाज करवाना है, तो आओ नहीं तो तुम्हारी मर्जी। डॉक्टर और स्टाफ की मनमाने ड्यूटी की वजह से जिले के दूर दराज से आने वाले लोगों को बिना इलाज और जांच के वापस लौटना पड़ता है। मरीजों की शिकायत के बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन इस मामले पर कोई पहल नहीं कर रहा है।
पेयजल की भी व्यवस्था नहीं
चार सौ करोड़ के मेडिकल कॉलेज में पेयजल की व्यवस्था ही नहीं है। वाटर फिल्टर बंद पड़े हुए है, तो कई नलों से टोंंटी ही गायब है। एक-दो नल ही चालू है वहां पर इतनी गंदगी है कि लोग पानी ही नहीं पी पाते। ऐसे में मरीज व उनके परिजनों को हॉस्पिटल से बाहर पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है। वहीं सफाई व्यवस्था की स्थिति तो बद बदतर हो गई है।
Complete blood count) मशीन में सालभर से गड़बड़ी है। ऐसे में लैब टेक्नीशियन ब्लड जांच करने के बाद मरीजों को गलत रिपोर्ट थमा रहे हैं। वहीं डॉक्टर उसी रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इससे मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की हालत सुधरने के बजाए और बिगड़ रही है।
जानिए मेडिकल कॉलेज कैसे मरीजों की जान से कर रहा खिलवाड़, अगर यही हाल रहा तो…
इसकी जानकारी मुझे नहीं है
मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. केएल आजाद ने बताया कि, चर्म एवं यौन रोग ओपीडी में एक ही स्टाफ है, जो छुट्टी पर है। ऐसे में जांच किट से एचआईवी जांच करने के लिए कहा गया है। इसके बाद भी मरीजों की जांच नहीं हो रही है, तो इसकी जानकारी मुझे नहीं है। ओपीडी से गायब रहने वाले डॉक्टर और स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।