६० प्रतिशत लोग सोशल मीडिया व अश£ील साइट पर बिता रहे थे समय दरअसल पिछले दिनों शिकायत मिली की लाइब्रेरी में पढ़ाई करने पहुंच रहे बच्चे सोशल मीडिया और अश£ील साइट्स पर ज्यादा समय बिता रहे थे। इसकी जांच खुद कलेक्टर ने की। जिसमें खुलासा हुआ कि यहां बच्चे अपने कुल समय का ६० प्रतिशत समय सोशल साइट्स व अश£ील साइट्स पर बिता रहे हैं। इसके बाद विभाग के होश उड़ गए। अब इस समस्या से निपटने के लिए आगे की कार्रवाई तैयार की गई और अब नया सिस्टम तैयार किया गया है।
कलेक्टर ने खुद डेटा ट्रैफिक चेक किया तब हुआ खुलासा,कलेक्टर विजय दयाराम के. ने खुद लाइब्रेरी की शिकायत की जांच की। इसके लिए उन्होंने देर रात और दिन दोनों के लिए अलग-अलग समय तय किया। क्योंकि वे खुद टेक्रिकल बैकराउंड से आते हैं। इसलिए उन्होंने खुद ही इसकी जांच करने की। जिसमें एक दिन रात के करीब वे १ बजे लाइब्रेरी पहुंचे और डेटा ट्रेफिक की जांच की। इसमें पाया कि सबसे ज्यादा डेटा अश£ील साइट्स और उसके डाउनलोडिंग में प्रयोग हो रहा था। इसके बाद सोशल मीडिया और अंत में एजुकेशल साइट्स में प्रयोग हो रहा था। इसी तरह दूसरी बार वह दोपहर में २ बजे जांच के लिए पहुंचे। खुद जांच की तो पाया कि इस समय सबसे अधिक डेटा का प्रयोग सोशल साइट्स में हो रहा है। इसके लिए यहां तैनात कर्मचारियों को फटकार भी लगाई और अब ऐसा न हो इसके लिए फायरवॉल लगाने का फैसला लिया गया।
अब नोडल के नाम पर नेट का कनेक्शन, पहले प्राइवेट व्यक्ति के नाम पर था लाइब्रेरी संचालन को लेकर जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही थी कि इसकी संचालन एजेंसी कौन है। आम तौर पर लाइब्रेरी शिक्षा विभाग का हिस्सा होता है। लेकिन यहां ऐसा नहीं था। वहीं इंटरनेट का कनेक्शन भी यहां की समिति या नोडल के नाम पर होने की वजह प्राइवेट व्यक्ति के नाम पर था। जिसकी वजह से संचालन में दिक्कत आ रही थी। लेकिन अब इसके संचालन के लिए समिति और इंटरनेट का कनेक्शन नोडल के नाम पर लिया गया है।
क्या होता है फायरवॉलयह एक सुरक्षा चक्र हैं जो कम्प्यूटर को वायरस से बचाता हैं। सामान्य शब्दों में हम इसे सुरक्षा का उपकरण भी मान सकते हैं। अगर कम्प्यूटर में इंटरनेट के माध्यम से काम करते हैं या इंटरनेट का उपयोग करते हैं तो फायरवॉल का उपयोग आवश्यक हो जाता है। फ़ायरवॉल एक सुरक्षा उपकरण हैं। जो कंप्यूटर में आने और कंप्यूटर से जाने वाले डेटा की सुरक्षा का ध्यान रखता हैं। जिससे कम्प्यूटर में ऐसे डेटा को आने से रोका जा सकें। जिससे कम्प्यूटर के डेटा या सूचना को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। फ़ायरवॉल ऐसी वेबसाइट्स या एप्पलीकेशन को ब्लॉक कर देता हैं। जो किसी प्रकार से हमारी निजी और संवेदनशील सूचनाओं को अन्य व्यक्ति तक पहुंचा सकती हैं। यह ऐसे ट्रैफिक को आने से रोकता हैं जो सिस्टम की सुरक्षा के लिए हानिकारक होता हैं। फ़ायरवॉल हैकर्स और दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर से विंडो की रक्षा करता हैं।
वर्सन बेहतर होगी व्यवस्था, छात्रों का अहित होने नहीं देंगेलाइब्रेरी के संचालन में कई तरह की दिक्कतें आ रहीं थी। उन तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जा रहा है। इसके साथ ही छात्रों का सोशल मीडिया और अश£ील साइट्स में समय बिताने की जांच मैंने खूद की थी। इसलिए बुनियादी बदलाव जरूरी थे। काफी हद तक यह काम पूरा हो चुका है। इसमें फायरवॉल समेत अन्य चीजें शामिल हैं। इसके अलावा सफाई की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। जल्द ही व्यवस्था और बेहतर कर दी जाएंगी।
विजय दयाराम के., कलेक्टर, बस्तर