जहां हो रही थी पूर्व सीएम की सभा, वहां से एक किलोमीटर दूर नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या, फिर…
एक दूसरे पर कर रहे थे आरोप प्रत्यारोप
उल्लेखनीय है कि कुरंदी पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद ‘पत्रिका’ टीम ने ग्राउंड रिपोर्ट कर विभिन्न शासकीय योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। एनएमडीसी के सीएसआर मद, शौचालय निर्माण व शेड निर्माण में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए प्रशासन से अवगत कराया था। जिसके बाद पंचायत के सरपंच और सचिव एक दूसरे पर ही आरोप लगाने लगे थे।
हादसा ऐसा दर्दनाक, जिसने भी देखा ये मंजर उसके रौंगटे खड़े हो गए, मासूम छात्रा की स्कूल बस के नीचे आ जाने से मौत
सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी
मामला जिला पंचायत जगदलपुर सीईओ के संज्ञान में आने के बाद जांच के निर्देश दिए। उक्त मामले की जांच में जनपद पंचायत सीईओ की कमेटी ने पंचायत सचिव बलीराम नाग को दोषी पाए जाने के बाद निलंबित करते हुए ११ लाख रुपए वसूली आदेश दिया है। मामले के तीन माह पश्चात जांच में सरपंच तुलसा भी 20 लाख 57 हजार रुपए भ्रष्टाचार में लिप्त पाई गई हैं। जनपद पंचायत जगदलपुर की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए गबन की गई
राशि को वसूल किए जाने योग्य बताया है।
यहां फेल पटवारी कर रहे सरकारी नौकरी, वहीं उत्तीर्ण पटवारी लगा रहे अपनी पदस्थापना के लिए गुहार, जानिए मामला
गांव में बननी थी चार सीसी सडक़, एक ही बनवाई
इसी तरह एनएमडीसी सीएसआर मद के अंतर्गत ४ सीसी सडक़ व नग नाली निर्माण काय्र हेतु स्वीकृत राशि 7 लाख 50 कुरंदी को दी गई। जिसमें से सरपंच ने 1 ही सीसी सडक़ का निर्माण कार्य कराया है। जिसका वर्तमान आंकलन अनुसार 4 लाख 37 हजार रुपए है। जबकि स्वीकृत पूर्ण राशि का आहरण कर लिया गया है। इस तरह निर्माण लागत उपरांत शेष 3 लाख 12 हजार रूपए गबन किया गया है।
शेड निर्माण में भी किया भ्रष्टाचार
ग्राम पंचायत कुरंदी में विधायक निधि योजना अंतर्गत वर्ष ६ नग शेड निर्माण करवाने के लिए 1 लाख 80 हजार रुपए स्वीकृत किया गया था। जिसकी संपूर्ण राशि आहरण करने के बाद भी सरपंच ने 1 नग शेड का निर्माण किया। जिस पर 30 हजार रुपए ही खर्च किए गए। इस तरह कुल 1 लाख 50 हजार का गबन किया गया है।
शौचालय निर्माण की राशि ही हजम कर गए
जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि सरपंच ने कुरंदी के लिए मूलभूत मद अंतर्गत वर्ष 2016 से 2019 में शौचालय निर्माण के लिए 29 लाख 15 हजार 170 रुपए आहरण किया। जबकि 14 वें वित्त आयोग से कुल 110 शौचालय निर्माण कराया गया है। जिस पर व्यय रूपए 13 लाख 20 हजार किया गया है। इस तरह कुल दर्शित लागत के विरूद्ध निर्माण शौचालयों पर व्यय राशि में से 15 लाख 95 हजार का गबन किया है।