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जगदलपुर

सरपंच व सचिव पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप, किया कुछ नहीं और डकार गए लाखों रूपए

ODF Scheme: पंचायत सरपंच व अधिकारियों ने मिलीभगत कर इस योजना के पैसों का बंदरबांट कर लिया।

जगदलपुरSep 11, 2019 / 01:17 pm

Badal Dewangan

सरपंच व सचिव पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप, किया कुछ नहीं और डकार गए लाखों रूपए

सरपंच व सचिव पर ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप, किया कुछ नहीं और डकार गए लाखों रूपए

ODF Scheme/बोरगांव/बड़ेडोंगर. स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश के शहरी व ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण कर पूर्ण रूप से बाहर शौच मुक्त गांव के लिए देश के प्रधानमंत्री द्वारा एक अभियान चलाया गया और लोगों को जागरूकता के लिए करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च किए गए। इसके तहत जिला कोंडागांव के जनपद पंचायत फरसगांव के अंतर्गत कुछ ग्राम पंचायतों में जनप्रतिनिधि सरपंच, सचिव व अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर इस पूरी योजना का बंटाधार करके रखे हुए हैं।

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समस्याओं की कड़ी लगातार खुलती जा रही है
अपने उच्च अधिकारियों को अंधेरे में रखते हुए शौचालय के लिए दी गई राशि का गलत उपयोग कर बंदरबांट किया जा रहा है। इनके द्वारा शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार में अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं और आनन-फानन में पूर्ण रूप से बाहर शौच मुक्त ग्राम की घोषणा भी करवा दी गई। जनपद पंचायत फरसगांव पूर्ण रूप से बाहर शौच मुक्त गांव घोषणा के पश्चात अब धीरे-धीरे अनियमितता की पोल खुल रही है। लगातार एक एक पंचायत के ग्रामीणों द्वारा शौचालय संबंधित समस्याओं की कड़ी लगातार खुलती जा रही है। कही शौचालय निर्माण में तो कहिं राशि वितरण में तो कहिं 13 वे व 14 वे वित्त आयोग की राशि का दुरुपयोग कर अपनी जेबें भरने का काम किया जा रहा है।

आनन फानन में ओडीएफ का प्रमाण पत्र दे दिया
इसी कड़ी में ताजा मामला फरसगांव जनपद पंचायत के अंतर्गत अति दुरुस्त ग्राम पंचायत कोनगुड़ का है। जहां ग्रामीणों ने सरपंच प्रेमबती मरापी व सचिव चैनसिंह मरापी द्वारा हितग्राहियों को शौचालय की राशि न देने की शिकायत जनपद पंचायत कार्यालय फरसगांव में देकर अपनी समस्या को अवगत कराया गया है। वहीं कई ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा ग्रामीणोंं को शौचालय बनाने को कहा गया था और नहीं बनाने पर राशन न देने की बात कहकर ज़बरदस्ती शौचालय बनवाया गया और आनन फानन में ओडीएफ का प्रमाण पत्र भी दे दिया गया। इससे लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।

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आज तक शौचालय अधूरा पड़ा हुआ
जनपद पंचायत फरसगांव में एक ही ऐसा मामला नही बल्कि कई ग्राम पंचायतों का हाल ऐसा ही है। जहां शौचालय निर्माण अधूरा है तो कहि बना ही नही है। इतना ही नहीं हितग्राहियों को बिना पैसे दिए ही राशि का आहरण कर लिया गया है। कहीं टंकी नही है तो कहीं दरवाजा नही हैं और न ही छत है। इस विषय पर जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी हो या जांच अधिकारी ग्रापं की जांच के बारे में पूछा जाता है तो गोल मोल जवाब दिया जाता है। कहीं एक सप्ताह में करने की बात तो कभी 15 दिवस के अंदर। और पूरी जांच सरपंच सचिव व जांच अधिकारियों के मिली भगत से पूरे मामला को रफा-दफा किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरपंच, सचिव का मानोबल बढ़ा हुआ है। इस संबंध में गांव के निवासी माधुरी नाग और कृष्ण कुमार नाग ने बताया कि वे अपने पैसे से शौचालय निर्माण कर रहे हैं और अभी तक उन्हें किसी प्रकार की राशि नहीं मिली है।

संबंधितों पर उचित कार्रवाई की जाएगी
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर वट्टी का कहना है कि इस विषय पर कोंनगुड़ ग्रापं के कुछ ग्रामीण लिखित शिकायत किए हैं। हमने जांच के लिए आदेश कर दिया गया है। जांच के बाद अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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