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जगदलपुर

सवाल आपसे : नाबालिग बच्चों को बाइक चलाने देना, इसका जिम्मेदार कौन! स्कूल प्रबंधन, ट्रैफिक पुलिस या मां-बाप

स्कूल प्रबंधन और ट्राफिक पुलिस इस काम में हो चुकी नाकाम, बच्चों को बाईक ना देने की घर से हो शुरूआत

जगदलपुरSep 20, 2017 / 04:20 pm

ajay shrivastav

 स्कूल प्रबंधन,  ट्रैफिक पुलिस या मां-बाप

स्कूल प्रबंधन, ट्रैफिक पुलिस या मां-बाप

जगदलपुर . नाबालिग बच्चों का मोटर साइकिल चलाना कानूनन अपराध है,फिर भी शहर में इन नियमों को विद्यार्थी धता बता रहे हैं। इससे आए दिन दुर्घटनाएं भी हो रही है लेकिन स्कूल प्रबंधन और न ट्रैफिक पुलिस इस पर लगाम लगा पा रही है। हैरत तो यह है कि इस काम में बच्चों का सहयोग खुद अभिभावक देते हैं।
स्कूल प्रबंधन माता पिता को मान रहा जिम्मेदार
‘पत्रिका ने जब इस मसले पर शहर के स्कूलों के प्राचार्यों से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि बच्चों को समझाते हैं लेकिन कोई असर नहीं होता। इसके लिए वे माता पिता को अधिक जिम्मेदार मानते हैं। घर से माता पिता के सामने बच्चा बाइक लेकर अकेला निकलता है लेकिन रास्ते में तीन से चार लोग सवार होकर जान हथेली पर लेकर सरपट दौड़ते हैं।
कार्रवाई करने कहा है
बाल विहार स्कूल के प्राचार्य पीपी कुकरेती ने बताया कि हमने अपनी स्कूल पुस्तिका में भी लिख दिया है कि कोई भी विद्यार्थी वाहन लेकर ना आए। इसके अलावा हमने एसपी साहब को भी बोल दिया है कि यदि हमारे स्कूल का विद्यार्थी वाहन चलाते हुए नजर आए तो बिल्कुल कार्यवाही करे । विद्यार्थी अगर यातायात नियमों का उल्लंघन करते नजर आए तो इसके लिए जिम्मेदार स्कूल नहीं उनके पालक होंगे।
गांवों में भी यही हाल
पोटानार व्याख्याता नीलम झा ने बताया कि शहर ही नहीं गांवों के स्कूलों में भी नाबालिग स्कूली बच्चे बाइक से आते हैं। परीक्षा के समय तो इनकी संख्या बढ़ जाती है। पालकों से स्कूल समय पर पहुंचने के बहाना लेकर बाइक मांगते हैं और फर्राटा भरते रहते हैं।
बहस करते हैं पालक
निर्मल विद्यालय के प्राचार्य फादर मैथ्यू ने बताया कि हम रोज बच्चों को वाहन लाने के लिए मना करते है । पुलिस भी कभी-कभी आकर यातायात नियमों के बारे में जानकारी देती है। बावजूद कोई बच्चा बाइक लेकर आता है तो उसके पालक को बुलाकर शिकायत करते हैं। हम पूरी कोशिश कर रहे है लेकिन पालक ही इस मसले पर बहस करने लग जाते है। एेसे में हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।
बच्चों का लर्निंग लाइसेंस बनवाते है
बस्तर हाईस्कूल स्कूल की प्राचार्य सुषमा झा ने बताया कि स्कूल में कई एेसे छात्र है जो वाहन लेकर आते हैं । हम समय समय पर इनको समझाते व डांटते । मैं इसके लिए पालकों को जिम्मेदार मानती हूं। हम सत्र शुरू होते ही एेसे बच्चों का लर्निंग लाइसेंस बनवाते है। कुछ दिन पहले हमने 12 विद्यार्थियों का फिर से लाइसेंस बनवाने दिया है।

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