29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

10 साल की बेटी ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि, राजकीय सम्मान से हुआ शहीद महेन्द्र सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार

Martyr Mahendra Singh Shekhawat: शहीद महेन्द्र सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हुआ। उनकी 10 साल की बड़ी बेटी हर्षिता ने पिता को मुखाग्नि दी। उनकी छोटी बेटी युगांतिका 5 साल की जो पहली कक्षा में पढ़ती है।

2 min read
Google source verification

Shaheed Mahendra Singh Shekhawat Last Rites: जयपुर के किशनगढ़ रेनवाल क्षेत्र के गांव जूनसिया में शुक्रवार को तिरंगे में लिपटे शहीद महेंद्र सिंह शेखावत के पार्थिव शरीर को रथ में रखकर तिरंगा यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा इटावा मोड़ से शुरू होकर एक किलोमीटर दूर उनके खेत पर पहुंची, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया।

शहीद की बड़ी बेटी हर्षिता ने पिता को मुखाग्नि दी। बेटी हर्षिता ने भी सेना में अफसर बनकर देश सेवा का संकल्प लिया। अंतिम यात्रा के दौरान महेन्द्र सिंह अमर रहे के नारे गूंजते रहे। इससे पहले शहीद की पार्थिव देह देर रात गुरुवार को मुंबई से रात 9 बजे वायुयान से रवाना हो 11 बजे जयपुर पहुंची। इसके बाद देह को जयपुर आर्मी के अस्पताल में रखा गया। शुक्रवार सुबह सेना की टुकड़ी के साथ गांव पहुंचे। शहीद के घर पर कोहराम मचा रहा।

उल्लेखीय है कि मुंबई में बुधवार शाम को गेटवे ऑफ इंडिया के पास हुए स्पीड बोट हादसे में काबरों का बास पंचायत के जूनसिया गांव के लाल महेंद्र सिंह शेखावत शहीद हो गए थे। अंतिम संस्कार के दौरान जनप्रतिनिधि, नेवी और प्रशासन के अधिकारी और हजारों लोग उपस्थित रहे। महेंद्र सिंह नेवी में मार्कोस कमांडो थे। वे तीन साल से मुंबई में पोस्टिंग थी। महेंद्र सिंह की शादी वर्ष 2013 में उषा राठौड़ के साथ हुई थी उनके दो बेटियां है बड़ी 10 वर्ष की हर्षिता पांचवी कक्षा और छोटी बेटी युगांतिका 5 साल की जो पहली कक्षा में पढ़ती है।

शहीद महेन्द्र सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान एसडीएम सुनीता मीणा, तहसीलदार कोमल यादव, थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार, पूर्व विधायक रामलाल शर्मा व पूर्व विधायक निर्मल कुमावत, कांग्रेस नेता अनिल चौपड़ा, जिला प्रमुख रमा चौपड़ा, राजेंद्र सूरपुरा, लक्ष्मीकांत तोतला, संघ कार्यकर्ता श्रवण लाल सोनी, सीताराम बासनीवाल, दौलत सिंह खंगारोत, जय नारायण प्रजापत, लक्ष्मी नारायण पिपलोदा सहित बड़ी संया में लोग उपस्थित थे। शहीद के पिता विजय सिंह शेखावत ने बताया कि 11 दिसंबर को वे महेंद्र के साथ पहली बार मुंबई गए थे।