एसीबी ने अप्रेल की शुरुआत में अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी करने का खुलासा किया था। इसके बाद इसमें बड़ा रैकेट सामने आया और यह पता चला कि करीब तीन साल से कमेटी की बैठक हुए बिना ही एनओसी जारी की जा रही थी। जांच बढ़ने पर यह मामला अंतरराष्ट्रीय रैकेट तक पहुंच गया। इसके बाद राज्य सरकार ने कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व नियंत्रक डॉ.राजीव बगरहट्टा सहित सवाईमानसिंह अस्पताल अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा को पदों से हटा दिया था। इस प्रकरण में सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं नियंत्रक से सेवानिवृत्त होने के बाद राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.सुधीर भंडारी से भी इस्तीफा लिया गया। इन तीनों पदों पर राज्य सरकार ने हाल ही नई नियुक्तियां की हैं।
पत्रिका लगातार बन रहा मरीजों का सारथी
राजस्थान पत्रिका ने सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज में अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया में नियम विरुद्ध कमेटियां बनाए जाने सहित नई नियुक्तियों के बाद कमेटियां नहीं बनाए जाने का प्रमुखता से खुलासा किया। पत्रिका में प्रकाशित समाचारों में बताया गया कि सरकार ने पदों पर नई नियुक्तियां तो कर दीं, लेकिन कमेटियां नहीं होने से मरीजों की एनओसी अटकी हुई है और उनकी जान को खतरा बना हुआ है।