
रणजीत सिंह सोलंकी
ERCP: पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों को इंटरलिंक कर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी- ईआरसीपी) के सपनों को साकार करने वाला पहला बांध तैयार हो गया है। अगले माह नौनेरा बांध की टेस्टिंग का काम शुरू हो जाएगा। जल संसाधन विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस परियोजना का काम पूरा होने पर प्रदेश के 21 जिलों को पर्याप्त पानी मिल सकेगा। इटावा उपखंड के ऐबरा गांव के पास कालीसिंध नदी पर बना नौरेरा बांध प्रदेश का सबसे बड़ा बांध है। बांध के नियंत्रण कक्ष, पिचिंग कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जून में बांध में पानी के भराव की टेस्टिंग की जानी प्रस्तावित है।
पानी आते ही ऑटोमैटिक खुलेंगे गेट
बांध में पानी निकासी के लिए 27 रेडिएंट गेट लगाए गए हैं। गेटों में ऑटो सिस्टम है। जैसे ही बांध में पानी की लेवल की स्थिति बढ़ेगी वैसे ही ऑटोमेटिक गेट खुल जाएंगे। बांध में कुल 226.65 मिलियन घनमीटर पानी का संग्रहण किया जा सकेगा ।
दायरा बढ़ाया
इस परियोजना में पहले 13 जिले लाभान्वित होेने वाले थे। भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश, केन्द्र सरकार और मध्यप्रदेश के बीच इस परियोजना को लेकर नए सिरे से करार हुआ है, जिसमें प्रदेश के 21 जिलों को पानी मिलेगा। इसमें नए जिलाें को भी शामिल किया जा रहा है।
हाड़ौती में 749 गांव लाभान्वित होंगे
इस परियोजना में कोटा और बूंदी जिले 749 गांव और छह कस्बे लाभान्वित होंगे। यहां पेयजल और उद्योगों को पर्याप्त पानी दिया जाएगा। दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित हो सकेगी।
डैम का स्ट्रक्चर का कार्य पूर्ण हो चुका है। टीचिंग, अर्थ व कंक्रीट का कार्य अंतिम दौर में है। आगामी बारिश के लिए नौनेरा बांध टेस्टिंग के लिए तैयार है ।
-आरके जैमिनी, अधीक्षण अभियंता जलसंसाधन विभाग कोटा
फैक्ट फाइल
रेडिएंट गेट - 27
बैराज की कुल लंबाई -1404 मीटर
भराव क्षमता - 226.65 मिलियन घन मीटर
पेयजल के लिये आरक्षित - 54.00 मीट्रिक घन मीटर
प्रतिवर्ष पानी की आवक - 1039 मिलियन घन मीटर
कोटा, बारां जिले में कुल अवाप्त निजी भूमि - 495.16 हेक्टेयर
मुआवजा राशि - 148 .15 करोड़
Published on:
28 May 2024 07:36 am
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