85 प्रतिशत लोग करते हैं नसों के खराब स्वास्थ्य की अनदेखी
85 प्रतिशत लोग करते हैं नसों के खराब स्वास्थ्य की अनदेखी
जयपुर. सितंबर राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है, जो यह याद दिलाता है कि हमें अपने खानपान और पोषण पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। 12 शहरों में1800 उत्तरदाताओं के बीच किए गए ‘पी एंड जी नर्व हेल्थ सर्वे के परिणामों से पता चलता है कि 60 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने नसों के खराब स्वास्थ्य के शुरूआती लक्षणों की अनदेखी की। हालांकि, चंडीगढ़ से प्राप्त परिणामों में यह निकलकर आया कि 85 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने नसों के की खराबी के शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज किया, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
हील हेल्थ और हंसा रिसर्च द्वारा संचालित और प्रॉक्टर एंड गैंबल हेल्थ लिमिटेड द्वारा समर्थित, सर्वे में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि 90 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है की नसें महत्वपूर्ण हैं, लेकिन, केवल 38 प्रतिशत ही जानते हैं कि नसें रक्त वाहिकाओं से अलग होती हैं। एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष, डॉ. संजय कालरा ने बताया कि शरीर की आवश्यकता से कम विटामिन बी12 का सेवन विशेष रूप से नसों के विकारों का कारण बनता है और समग्र स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। विटामिन बी12 के बिना, शरीर अच्छी गुणवत्ता वाले रक्त का उत्पादन करने और त्वचा, नाखून, बालों और नसों को स्वस्थ रखने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाता है। ‘पी एंड जी नर्व हेल्थ सर्वे, नसों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता के स्तर और धारणाओं को मापने और यह समझने के लिए कि क्या लोग नसों से संबंधित समस्याओं को पहचान सकते हैं, आयोजित किया गया था।
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