दरअसल कर्मचारी यूनियन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय तक गुहार लगाई है। लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 13 वर्षों में जिस भी कंपनी ने एम्बुलेंस संचालन किया, उन सभी ने एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण किया है। अब नई निविदा की अंतिम तारीख 15 जून यानि आज है। अगर इन्हीं शर्तों पर टेंडर किसी भी कंपनी को मिल जाता है तो आने वाले 5 साल तक फिर एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण होगा। शेखावत ने कहा कि एम्बुलेंस कर्मचारी, ईएमटी , नर्सिंगकर्म 9014 रुपये और ड्राइवर 8804 रुपये के अल्पवेतन में कार्य करने के बावजूद सरकार किसी भी तरह से इन कर्मचारियों का काम नहीं कर रही है। कर्मचारियों की मुख्य रूप से 3 मांगे हैं।